मुंबई (Mumbai)। भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C or ICCCC) के अनुसार पिछले तीन साल में (1 अप्रैल, 2021 से 31 दिसंबर 2023) साइबर अपराधियों ने देश में 10,300 करोड़ रुपये से अधिक की हेराफेरी की। हालांकि इस दौरान एजेंसी करीब 1,127 करोड़ रुपये को सफलतापूर्वक ब्लॉक करने में सफल रही। इसमें से 9 से 10 प्रतिशत पीड़ितों के खातों में पैसे लौटाए गए। आई4सी के सीईओ राजेश कुमार ने बुधवार को संस्थान के वार्षिक कार्यक्रम में कहा कि राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (एनसीआरपी) पर तीन साल में 29.74 लाख साइबर अपराध के मामले दर्ज किए गए।
कुमार ने कहा कि जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान इसके पोर्टल को हैक करने के लिए साइबर अपराधियों ने प्रति मिनट 16 लाख डिस्ट्रीब्यूटेड डिनायल-ऑफ-सर्विस (डीडीओएस) हमले किए, लेकिन हमने इसे निष्क्रिय कर दिया था।
पुलिस की मदद के लिए प्रतिबिंब सॉफ्टवेयर लांच किया गया
कुमार ने कहा कि हाल ही में एक नया सॉफ्टवेयर ‘प्रतिबिंब’ लांच किया गया है। इससे राज्य पुलिस को अपने क्षेत्र में सक्रिय साइबर अपराधियों का पता लगाने में मदद मिलती है। पीड़ितों के खातों में राशि बहाल करने में कठिनाइयों के बारे में उन्होंने कहा कि सरकार एक नई प्रक्रिया तैयार कर रही है। जल्द ही इससे पीड़ितों के लिए अपने पैसे का दावा करना आसान होगा।
प्रतिबिंब सॉफ्टवेयर लॉन्च
हाल ही में एक नया सॉफ्टवेयर ‘प्रतिबिंब’ लॉन्च किया गया है। इससे पुलिस अपने क्षेत्र में सक्रिय साइबर अपराधियों का पता लगा सकती है।
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