नई दिल्ली (New Dehli) । बढ़ती टेक्नोलॉजी (technology) के साथ इंटरनेट और साइबर (cyber) से जुड़े खतरे भी बढ़ते जा रहे हैं। हाल ही में एक नई रिपोर्ट(Report) में पता चला है कि वैश्विक (global) स्तर पर साप्ताहिक साइबर हमलों (attacks) में बढ़ोतरी हुई है। रिसर्च रिपोर्ट से पता चला है कि दो साल में ये सबसे बड़ी बढ़ोतरी (increase) है। बता दें कि साइबर अपराधी (criminal) अभी साइबर अटैक (cyber attack) लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का इस्तेमाल कर रहे हैं।
साइबर अटैक हमारे अलावा अन्य देशों के लिए एक बड़ूी समस्या है। चेक प्वाइंट रिसर्च से पता चला है कि वैश्विक साप्ताहिक साइबर हमलों में 8 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। रिपोर्ट के अनुसार, यह ‘दो सालों में सबसे बड़ी वृद्धि’ है।
रिपोर्ट से यह भी पता चलता है कि हमलावरों ने विघटनकारी साइबर हमले करने के लिए अगली पीढ़ी की एआई तकनीकी को USB डिवाइस जैसे लंबे समय से इंस्टॉल टूल के साथ जोड़ दिया है।
भारत में भी साइबर हमलों में वृद्धि
चेक प्वाइंट रिसर्च के अनुसार, प्रति संगठन हमलों की औसत संख्या 2023 की पहली छमाही में 2152 हमलों तक पहुंच गई, जो साल-दर-साल 20% की बढ़ोतरी को दर्शाती है।
रिपोर्ट के अनुसार, रैनसमवेयर समूह आमतौर पर उपयोग किए जाने वाले कॉर्पोरेट सॉफ्टवेयर में कमजोरियों का फायदा उठा रहे हैं और अपना दृष्टिकोण डेटा एन्क्रिप्शन से डेटा चोरी की ओर ट्रांसफर कर रहे हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि इसके अलावा, राज्य-संबद्ध समूह और साइबर अपराधी वैश्विक स्तर पर संगठनों को संक्रमित करने के लिए यूएसबी ड्राइव को वैक्टर के रूप में तैनात कर रहे हैं।
एआई का उपयोग बढ़ा
एआई के उपयोग को भी बढ़ाया गया है, जिसमें फिशिंग ईमेल, कीस्ट्रोक मॉनिटरिंग मैलवेयर और बुनियादी रैंसमवेयर कोड को तैयार करने के लिए जेनेरिक एआई टूल का उपयोग किया जा रहा है।
इससे मजबूत नियामक उपायों की जरुरत होती है।
हमलों में 8% की बढ़ोतरी
चेक प्वाइंट सॉफ्टवेयर में वीपी रिसर्च माया होरोविट्ज ने कहा कि वर्ष की पहली छमाही में आपराधिक गतिविधियों में बढ़ोतरी जारी रही है।
दूसरी तिमाही में वैश्विक साप्ताहिक साइबर हमलों में 8% की बढ़ोतरी हुई है, जो दो सालों में सबसे अधिक है।
रैंसमवेयर और हैक्टिविज्म जैसे परिचित खतरे और विकसित हो गए हैं, खतरा समूहों ने दुनिया भर के संगठनों को संक्रमित करने और प्रभावित करने के लिए अपने तरीकों और उपकरणों को संशोधित किया है।
यहां तक कि यूएसबी स्टोरेज डिवाइस जैसी पुरानी तकनीक, जो लंबे समय से डेस्क दराज में धूल जमा कर रही है, ने मैलवेयर मैसेंजर के रूप में लोकप्रियता हासिल की है।
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