नई दिल्ली. बीते दिनों माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft) के सर्वर में आई एक खराबी की वजह से दुनिया भर में बैंकों से लेकर शेयर बाजार तक में हाहाकार मच गया था, तो वहीं अब भारतीय बैंकिंग सिस्टम पर बड़ा साइबर अटैक (Cyber Attack) हुआ है और इसके चलते देश के करीब 300 छोटे बैंकों में काम-काज ठप हो गया है. रैनसमवेयर अटैक (Ransomware Attack) की वजह से इन सैकड़ों बैंकों के पेमेंट सिस्टम भी फेल नजर आए. रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये साइबर अटैक उस कंपनी पर हुआ है, जो इन सभी Small Banks को टेक्निकल सपोर्ट मुहैया कराती है.
300 बैंकों का पेमेंट सिस्टम फेल
गुरुवार को भारतीय बैंकिंग सिस्टम को लेकर एक बड़ी खबर आई. इंडिया टुडे पर छपी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, सी-एज टेक्नोलॉजीस (C-Edge Technologies) कंपनी पर रैनसमवेयर अटैक किया गया. ये कंपनी देश के तमाम छोटे बैंकों को टेक्निकल सपोर्ट सर्विस देती है. ऐसे में इस कंपनी पर हुए साइबर अटैक का सीधा असर इससे जुड़े लगभग 300 बैंकों पर पड़ा है. इससे जद में आए बैंकों के पेमेंट सिस्टम में भी खराबी देखने को मिली.
साइबर अटैक पर कंपनी ने साधी चुप्पी!
रिपोर्ट में मामले से सीधे तौर पर जुड़े दो सूत्रों का हवाला देते हुए बताया गया कि इस साइबर हमले से देश भर के छोटे बैंकों को बैंकिंग टेक्निकल सपोर्ट देने वाली सी-एज टेक्नोलॉजीज बुरी तरह से प्रभावित हुई है. हालांकि, सी-एज टेक्नोलॉजीस की ओर से इस Cyber Attack को लेकर कोई टिप्पणी नहीं की गई है. इस मामले पर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की ओर से भी कोई स्टेटमेंट जारी नहीं किया गया है.
NPCI ने आनन-फानन में उठाया ये कदम
हालांकि, इस साइबर अटैक को संज्ञान में लेते हुए भारत में पेमेंट्स सिस्टम की देख-रेख करने वाली संस्था नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने फिलहाल अस्थायी रूप से इस कंपनी के काम पर रोक लगा दी है. बुधवार को जारी किए गए एक स्टेटमेंट में एनपीसीआई ने कहा है कि C-Edge Technologies पर फिलहाल कुछ समय के लिए रोक लगा दी गई है और यह कंपनी अगले आदेश तक रिटेल पेमेंट सिस्टम से अलग रहेगी.
पेमेंट सिस्टम से बाहर रहेंगे प्रभावित बैंक
NPCI के अधिकारियों के मुताबिक, सी-एज टेक्नोलॉजीस की सर्विसेज का इस्तेमाल कर रहे इन बैंकों के ग्राहकों को कुछ समय तक पेमेंट सिस्टम यूज करने में भी दिक्कतें पेश आईं. मामले से जुड़े सूत्रों ने कहा कि इसके मद्देनजर देश के पेमेंट सिस्टम पर किसी भी व्यापक प्रभाव को रोकने के लिए करीब 300 छोटे बैंकों को पेमेंट नेटवर्क से बाहर ही रखने का निर्णय लिया गया है.
देश में करीब 15000 छोटे बैंक
भारत में लगभग 1,500 सहकारी और क्षेत्रीय बैंकों का विशाल नेटवर्क है, जो मुख्य रूप से प्रमुख शहरों के बाहर के ग्राहकों को बैंकिंग सेवाएं मुहैया कराते हैं. सी-ऐज टेक्नोलॉजीस पर हुए रैनसमवेयर हमले से ये छोटे बैंक ही प्रभावित हुए हैं. हालांकि, सूत्रों ने कहा है कि साइबर अटैक की जद में आए इन बैंकों की देश के कुल पेमेंट सिस्टम में महज 0.5 फीसदी हिस्सेदारी है. ऐसे में इसकी वजह से लोगों को ज्यादा समस्या पेश नहीं आएगी, लेकिन इसका कुछ समय तक पेमेंट सिस्टम पर असर जरूर देखने को मिल सकता है.
RBI ने पहले दी थी चेतावनी
बैंकिंग सेक्टर हमेशा से साइबर अपराधियों के निशाने पर रहा है. रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि एनपीसीआई (NPCI) अब यह सुनिश्चित करने के लिए ऑडिट कर रहा है कि रैनसमवेयर अटैक और अधिक बैंकों तक न फैल सके. गौरतलब है कि आरबीआई (RBI) समेत अन्य कई लीगल साइबर अथॉरिटीज ने हाल ही में कई बार भारतीय बैंकों (Indian Banks) को संभावित साइबर हमलों के बारे में चेतावनी जारी की थी.
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