हैदराबाद (Hyderabad)। सनातन धर्म (Sanatan Dharma) पर द्रमुक नेता की टिप्पणी (DMK leader’s comment) को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस बीच, कांग्रेस के कुछ नेताओं ने शनिवार को इस मामले पर सतर्क रुख (cautious approach) अपनाने और भाजपा के एजेंडे (BJP’s agenda) में न आने का आह्वान किया।
सूत्रों ने बताया कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chhattisgarh Chief Minister Bhupesh Baghel) और मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह (Former Chief Minister Digvijay Singh) सहित कुछ नेताओं ने कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में कहा कि पार्टी को ऐसे मुद्दों से दूर रहना चाहिए और इसमें नहीं फंसना चाहिए।
उन्होंने बताया कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Congress leader Rahul Gandhi) ने कहा कि सनातन धर्म विवाद में शामिल होने के बजाय नेताओं को गरीबों और उनके मुद्दों पर फोकस करना चाहिए क्योंकि वे पार्टी के पारंपरिक वोट बैंक रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक, उन्होंने कहा कि पार्टी को गरीबों के मुद्दों को उठाना चाहिए, चाहे वे किसी भी जाति के हों।
सूत्रों ने कहा कि सीडब्ल्यूसी की बैठक के दौरान भूपेश बघेल और दिग्विजय सिंह दोनों ने बताया कि सनातन धर्म विवाद पर बोलने से पार्टी को नुकसान होगा और इससे भाजपा को मदद मिलेगी। पार्टी ब्रीफिंग में इस बारे में पूछे जाने पर पार्टी के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने कहा कि सीडब्ल्यूसी की बैठक में सनातन धर्म के मुद्दे पर चर्चा नहीं हुई।
उन्होंने कहा कि पार्टी सभी धर्मों का सम्मान करने में विश्वास करती है और उन्होंने ‘सर्वधर्म समभाव’ का हवाला दिया। चिदंबरम ने कहा, ‘सनातन धर्म के मुद्दे पर कोई चर्चा नहीं हुई है। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने यह बिल्कुल स्पष्ट कर दिया है कि कांग्रेस पार्टी सनातन धर्म के मुद्दे पर किसी भी विवाद में पड़ने की इच्छुक नहीं है।’
उन्होंने कहा, ‘हम सर्वधर्म समभाव में भरोसा करते हैं, सभी धर्मों के लिए समान सम्मान करते हैं और हम उस रुख पर कायम हैं। कई दशकों से कांग्रेस पार्टी का यही रुख रहा है और हम इस मुद्दे पर किसी विवाद में नहीं पड़ रहे हैं।
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