1 लाख रेमडेसिविर का स्टॉक, मेडिकल किट डिपो भी स्थापित
इंदौर। कोरोना की दूसरी लहर की विभीषिका को झेलने के बाद अब शासन-प्रशासन तीसरी लहर को लेकर अतिरिक्त सतर्कता बरत रहा है। ऑक्सीजन के मामले में इंदौर को आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है। आज ही मुख्यमंत्री द्वारा 11 करोड़ की लागत वाले 11 ऑक्सीजन प्लांटों का लोकार्पण और 25 प्लांटों का भूमिपूजन किया जाना है। वहीं 1 लाख रेमडेसिविर इंजेक्शनों का प्रदेशभर में स्टॉक किया गया, तो मेडिकल किट के डिपो भी सभी 11 हजार उपस्वास्थ्य केन्द्रों पर स्थापित कर दिए हैं।
कल भोपाल में, तो आज इंदौर आने पर मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान द्वारा कोरोना से तीसरी लहर से निपटने की की गई तैयारियों की समीक्षा की जाएगी। कलेक्टर मनीषसिंह के मुताबिक 10 हजार से ज्यादा बेड की व्यवस्था है, तो अब ऑक्सीजन के मामले में भी इंदौर आत्मनिर्भर हो जाएगा। लगभग 100 टन ऑक्सीजन का उत्पादन इंदौर में ही लगने वाले तीन दर्जन से ज्यादा प्लांटों के जरिए हो जाएगा। दूसरी लहर में बेड, ऑक्सीजन के साथ-साथ इंजेक्शनों की भी कमी के चलते कई मरीजों की मौत प्रदेशभर में हुई। लिहाजा मुख्यमंत्री द्वारा की गई समीक्षा में बताया गया कि रेमडेसिविर इंजेक्शन एक लाख का डोज रखा गया है, तो टोसी इंजेक्शन के लिए भी रेट कॉन्टेक्ट करने के साथ 11 हजार उपस्वास्थ्य केन्द्रों पर कोविड मेडिकल किट के डिपो स्थापित किए गए हैं, ताकि किसी तरह की दवाइयों का भी टोटा ना रहे।
इंदौर में 5 से 12 मरीज होने पर ही मुख्यमंत्री चिंतित
बीते 24 घंटे में हालांकि इंदौर में नए 9 कोरोना मरीज ही मिले हैं, मगर उसके एक दिन पहले 12 मरीज मिले थे और उसके पूर्व 5 का ही आंकड़ा था। लिहाजा 5 से 12 कोरोना मरीज होने पर ही मुख्यमंत्री ने चिंता प्रकट की, क्योंकि इंदौर सहित प्रदेश के कुछ जिलों में बीते 3-4 दिनों से 10 से 12 प्रकरण कोरोना संक्रमण बढ़े। हालांकि देश के कुछ राज्यों में डेल्टा वैरिएंट के चलते मरीजों की संख्या में कुछ बढ़ोतरी देखी गई है। लिहाजा शासन-प्रशासन अब तीसरी लहर को लेकर चाक-चौबंद और सतर्कता बरत रहा है।
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