- तीन दिन पहले भस्मार्ती में प्रवेश के लिए साढ़े 16 हजार रुपए लिए थे
- मंदिर में काम कर रहा है गिरोह-कई लोग शामिल
उज्जैन। महाकाल मंदिर में भस्मार्ती और दर्शन के नाम पर रुपए लेने का धंधा बेधड़क चल रहा है। तीन दिन पहले कर्नाटक के श्रद्धालु से भस्मार्ती दर्शन के नाम पर क्रिस्टल कंपनी के कर्मचारी ने साढ़े 16 हजार रुपए वसूले थे और दर्शन नहीं कराए थे। शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज किया और कल आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।
महाकाल थानाप्रभारी नरेन्द्र परिहार ने बताया कि मंदिर के कर्मचारी विष्णु चौहान ने बैंगलोर निवासी मरप्पा पिता राजप्पा के साथ 4 नवंबर को थाने आकर शिकायत दर्ज कराई थी कि क्रिस्टल कंपनी के कर्मचारी लगजीत ने भस्मार्ती दर्शन कराने के लिए उनसे 16 हजार 500 रुपए 3 नवंबर को लिए थे और अगले दिन सुबह मंदिर बुलाया था, जब वे मंदिर पहुँचे तो वहाँ आरोपी नहीं पहुंचा और वे दर्शन नहीं कर पाए। इस बात की शिकायत उन्होंने मंदिर समिति को की जिस पर मंदिर समिति ने उन्हें थाने पर रिपोर्ट कराने पहुँचाया। पुलिस ने मरप्पा की शिकायत पर आरोपी लगजीत के खिलाफ प्रकरण कायम किया तथा कल उसे गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने आरोपी के कब्जे से श्रद्धालु से ठगे गए 16 हजार रुपए 500 रुपए वसूल कर वापस लौटा दिए गए हैं। उल्लेखनीय है कि महाकाल मंदिर भ्रष्टाचारी का मुख्य अड्डा बन गया है। यहाँ दलाल से लेकर मंदिर में सुरक्षा के लिए लगाए निजी एजेंसी के कर्मचारी श्रद्धालुओं से भस्मार्ती दर्शन और सामान्य दर्शन कराने के नाम पर रुपए वसूल रहे हैं। मंदिर समिति को इस पर नजर रखना चाहिए, क्योंकि कई दलाल होटलों और स्टे होम में ठहरने वाले बाहरी श्रद्धालुओं से संपर्क कर दर्शन के नाम पर रुपए लेते हैं और मंदिर तक छोड़कर फरार हो जाते हैं और ठगाए श्रद्धालु परेशान होते फिरते हैं।