नई दिल्ली: जहाजरानी एवं जलमार्ग मंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने शनिवार को कहा कि सरकार ने देश में क्रूज पर्यटन के विकास के लिए एक सक्षम पारिस्थितिकी तंत्र खड़ा करने की खातिर एक उच्च-स्तरीय समिति का गठन किया है. इसमें सरकारी अधिकारियों के अलावा क्रूज उद्योग के प्रतिनिधि भी शामिल हैं. सोनोवाल ने उद्योग मंडल फिक्की के सहयोग से शिपिंग, बंदरगाह और जलमार्ग मंत्रालय द्वारा यहां आयोजित किए जा रहे पहले दो-दिवसीय भारत अंतर्राष्ट्रीय क्रूज सम्मेलन का उद्घाटन किया.
भारत को सबसे आकर्षक क्रूज पर्यटन स्थल बनाना है
सोनोवाल ने कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से कहा कि सरकार का लक्ष्य भारत को सबसे आकर्षक क्रूज पर्यटन स्थल और इस उद्योग को दुनिया का सबसे बड़ा पर्यटन उद्योग बनाना है. उन्होंने बताया कि इसके लिए पर्यटन मंत्रालय के सचिव की अगुआई में एक कार्यबल का गठन किया गया है और जहाजरानी मंत्रालय के सचिव को उपाध्यक्ष बनाया गया है. उन्होंने कहा कि उच्च-स्तरीय समिति अपने विचारों और सुझावों के माध्यम से कार्यबल की मदद करेगी. समिति में इस क्षेत्र से संबंधित राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय दिग्गज शामिल होंगे. सोनोवाल ने कहा कि इस अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्देश्य भारत को एक क्रूज पर्यटन केंद्र बनाना है और सरकार इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए जरूरी आधुनिक बुनियादी ढांचा मुहैया कराएगी.
राज्य सरकारों की भूमिका
उन्होंने उम्मीद जताई कि राज्य सरकारें भी क्रूज पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देने में अपनी भूमिका निभाएंगी. उन्होंने कहा, ‘‘भारत क्रूज पर्यटन का सबसे आकर्षक गंतव्य बनने जा रहा है. इसमें कोई संदेह नहीं है क्योंकि तटीय क्षेत्रों और अंतर्देशीय जलमार्गों में हमारी क्षमता को आजमाया जाना तय है. अभी तक इसे पूरी तरह से भुनाया नहीं गया है. भारत का लक्ष्य क्रूज यात्री यातायात को चार लाख के मौजूदा स्तर से बढ़ाकर 40 लाख तक पहुंचाना है. एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, आने वाले वर्षों में क्रूज पर्यटन उद्योग के 11 करोड़ डॉलर से बढ़कर 5.5 अरब डॉलर तक पहुंचने की संभावना है.
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