नई दिल्ली । कांग्रेस महासचिव (Congress General Secretary) जयराम रमेश (Jairam Ramesh) ने कहा कि जब मुद्रास्फीति 7 फीसदी से अधिक है (If Inflation Exceeds 7 Percent), तब कर बढ़ाना ‘क्रूरता’ है (Cruelty to Increase Tax) । जयराम रमेश ने कहा, “जब सीपीआई मुद्रास्फीति 7 प्रतिशत से अधिक है और डब्ल्यूपीआई मुद्रास्फीति 15 प्रतिशत से अधिक है, बेरोजगारी अधिक है, रुपये का मूल्यह्रास हो रहा है, चालू खाता घाटा बढ़ रहा है और मुद्रास्फीति दुनिया भर में बढ़ने की संभावना है, तब कर की दरें बढ़ाना क्रूरता है।”
बैठक में शामिल पश्चिम बंगाल की वित्तमंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने कहा कि यह वर्चुअल है। केंद्रीय वित्तमंत्री आमने-सामने नहीं मिलीं और एक-दूसरे से सलाह-मशविरा नहीं किया। चंद्रिमा ने कहा कि उन्होंने (और कुछ अन्य लोगों ने) फिटमेंट कमेटी की रिपोर्ट का विरोध किया था, जिसमें कर वृद्धि की सिफारिश की गई थी। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार और वित्तमंत्री अपना रुख बदलते हुए अब ‘सहमति’ शब्द का इस्तेमाल कर रहे हैं, न कि ‘सर्वसम्मति’।
जयराम रमेश ने कहा, “गरीब उपभोक्ताओं को पहले से पैक और लेबल वाले सामान खरीदने की इच्छा क्यों नहीं रखनी चाहिए?” उन्होंने कहा, “मोदी सरकार जन-आकांक्षा को दंडित कर रही है और अधिक स्वच्छ रूप से पैक किए गए सामान खरीदने की इच्छा मूल्य सूची देखकर दबानी पड़ती है। श्मशान पर जीएसटी बढ़ाकर 18 फीसदी कर दिया गया है!”
उन्होंने सवाल किया, “पहले से पैक किए गए सामान में कुछ इनपुट टैक्स हैं। क्या उत्पादकों और विक्रेताओं की ओर से प्री-पैकेज्ड और लेबल वाले सामानों पर जीएसटी लगाने की मांग की गई थी? हमारी जानकारी में तो नहीं है।” रमेश ने पूछा, “छोटे व्यवसायी, दुकानदार और उपभोक्ता – सभी हितधारक संशोधित जीएसटी दरों के बारे में शिकायत क्यों कर रहे हैं?”
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