नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल (क्रूड ऑयल) (Crude oil in the international market) की कीमत में उतार-चढ़ाव का दौर जारी है। बुधवार को एक बार फिर कच्चे तेल में तेजी दिखी। तेल निर्यातक देशों (ओपेक कंट्रीज) और उसके सहयोगी देशों (ओपेक प्लस) (Oil Exporting Countries (OPEC Countries) and its Partner Countries (OPEC Plus)) की बैठक आज 01 अप्रैल को होने वाली है। माना जा रहा है कि इस बैठक में कच्चे तेल के उत्पादन में चल रही कटौती को मई तक जारी रखने का फैसला हो सकता है। बताया जा रहा है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसी आशंका के कारण क्रूड में तेजी का माहौल बना रहा।
मंगलवार को 1.3 फीसदी गिरने के बाद ब्रेंट क्रूड का भाव बुधवार को 15 सेंट यानी 0.2 फीसदी चढ़कर 64.29 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। अमेरिकी वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (डब्लूटीआई) क्रूड भी 15 सेंट यानी 0.3 फीसदी बढ़कर 60.70 डॉलर प्रति बैरल हो गया। मंगलवार को इसमें 1.6 फीसदी गिरावट आई थी।
कॉमनवेल्थ बैंक के कमोडिटी एनालिस्ट विवेक धर का इस संबंध में आकलन है कि ओपेक कंट्रीज और ओपेक प्लस की कल होने वाली बैठक में उत्पादन में कटौती जारी रखने पर सहमति बन जाएगी। बाजार में संतुलन के लिए कच्चे तेल के उत्पादक देश यह फैसला ले सकते हैं। इसके पहले ओपेक प्लस ने पिछले महीने रूस और कजाकिस्तान को छोड़कर आपूर्ति पर प्रतिबंध लगाने पर सहमति जताते हुए बाजार को चौंका दिया था।
जानकारों का कहना है कि कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के चलते दुनिया के कई हिस्सों में पाबंदियां लागू कर दी गई हैं। कुछ हिस्सों में लॉकडाउन लगाए जाने के हालात भी बन गए हैं और आंशिक लॉकडाउन लगाया भी गया है। यही कारण है कि तेल उत्पादक देश अपने नुकसान को कम करने के लिए क्रूड के उत्पादन में तब तक कटौती जारी रखना चाहते हैं, जब तक कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड की मांग पहले की तरह सामान्य न हो जाए।
सऊदी अरब पहले ही कह चुका है कि अगर ओपेक प्लस की बैठक में उत्पादन में कटौती का प्रस्ताव आया तो वो उसका खुलकर समर्थन करेगा। उत्पादन में कटौती की इसी आशंका ने आज तेल में तेजी का रुख बनाये रखा। अब सबकी नजर कल होने वाली ओपेक प्लस की बैठक पर टिकी है। बैठक में लिये जाने वाले फैसले तय करेंगे कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमत उछलेगी, गिरेगी या फिर स्थिर बनी रहेगी। (एजेंसी, हि.स.)
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