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    नक्सलियों की कैद में सीआरपीएफ का जवान Rakeshwar, अब कर रहे ये डिमांड

  • April 06, 2021

    जम्‍मू । छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में हमले के बाद नक्सली जम्मू (Jammu) निवासी सीआरपीएफ जवान राकेश्वर सिंह मन्हास (Rakeshwar Singh Manhas) को अगवा कर ले गए हैं। नक्सलियों की कैद में सीआरपीएफ (CRPF) का जवान राकेश्वर सिंह मन्हास जिंदगी और मौत से जूझ रहा है। परिवार सदमे हैं। नक्सलियों के कब्जे में राकेश्वर के होने की सूचना मिलते ही उनके आवास पर शुभचिंतकों का जमावड़ा लग गया। सुरक्षा बलों के साथ ही राजनीतिक दलों के नेताओं तथा रिश्तेदारों व आस-पड़ोस के लोगों ने पहुंचकर सांत्वना दी। 

    राकेश्वर (Rakeshwar) की मां, बहन और पत्नी भगवान से यही दुआ कर रहे हैं कि वह सकुशल घर लौट आएं। राकेश्वर (Rakeshwar) की पत्नी मीनू चिब का कहना है कि शनिवार 3 मार्च को अंतिम बार पति से बात हुई थी। उन्होंने कहा था कि वह एक ऑपरेशन पर जा रहा है। अपने साथ खाना पैक कर लिया है। लौट कर फोन करेगा, लेकिन पिछले तीन दिन से उनका फोन रिसीव नहीं हो पा रहा। रिंग जाती है, लेकिन कोई फोन नहीं उठाता। 

    राकेश्वर (Rakeshwar) की मां और बहन का कहना है कि आठ दिन से उनकी बात नहीं हुई। राकेश्वर की एक छोटी बेटी भी है। पूरा परिवार हर पल नम आखों से बस एक ही दुआ कर रहा है कि वह किसी भी तरह सकुशल घर लौट कर आए। परिवार ने उप-राज्यपाल के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की है कि राकेश्वर को किसी भी कीमत पर जिंदा वापस लाया जाए। बता दें, नक्सलियों के हमले में सीआरपीएफ के 20 से अधिक जवान शहीद हुए हैं। राकेश्वर को नक्सली अगवा कर ले गए हैं। केंद्र सरकार उनकी रिहाई के प्रयास कर रही है। मूलरूप से ज्यौड़ियां के राकेश्वर का परिवार इस समय बरनाई इलाके में रह रहा है।


    वीडियो कॉल से हमारी बात करवा दें
    राकेश्वर सिंह का परिवार सरकार से एक ही अपील कर रहा है कि उनकी वीडियो कॉल के जरिये राकेश्वर से किसी भी तरह बात करवाएं, ताकि उनको तसल्ली हो कि वह सुरक्षित हैं। 

    सीआरपीएफ की नौकरी छोड़ दे, कोई नुकसान नहीं पहुंचाएंगे
    छत्तीसगढ़ में तैनात सीआरपीएफ के एक सूत्र ने बताया कि नक्सली राकेश्वर को बार-बार एक ही बात बोल रहे हैं कि वह सीआरपीएफ की नौकरी छोड़ दे। उसे कोई नुकसान नहीं पहुंचाएंगे। नक्सलियों ने अपना एक संदेश भी जारी किया है कि वह राकेश्वर को कोई नुकसान नहीं पहुंचाएंगे। 

    पुलिस और सीआरपीएफ पहुंची राकेश्वर के घर
    राकेश्वर के जम्मू स्थित घर पर सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर के कमांडेंट प्रेम चंद्र गुप्ता और दोमाना के एसएचओ महेश शर्मा पहुंचे। राकेश्वर के परिवार को सीआरपीएफ की ओर से कहा गया है कि वह लगातार छत्तीसगढ़ सीआरपीएफ के संपर्क में हैं और राकेश्वर की रिहाई के लिए हर तरह का प्रयास किया जा रहा है।

    2011 में सीआरपीएफ में भर्ती हुए थे राकेश्वर
    परिजनों का कहना है कि राकेश्वर 2011 में सीआरपीएफ  में भर्ती हुए थे। तीन महीने पहले ही उसकी छत्तीसगढ़ में पोस्टिंग हुई थी। रविवार को हुए नक्सली हमले में नक्सलियों ने उन्हें अगवा कर लिया है। उसकी शादी सात साल पहले हुई और एक पांच साल की बेटी सारघ्वी राजपूत है। मां कुंती देवी और पत्नी मीनू मन्हास ने केंद्र और राज्य सरकार से राजेश्वर को नक्सलियों के कब्जे से छुड़ाने की मांग की है। राकेश्वर के पिता जगतार सिंह भी सीआरपीएफ  में थे। उनका निधन हो चुका है। छोटा भाई सुमित कुमार प्राइवेट सेक्टर में काम करता है। बहन सरिता भाऊ की शादी हो चुकी है।का निधन हो चुका है। छोटा भाई सुमित कुमार प्राइवेट सेक्टर में काम करता है। बहन सरिता भाऊ की शादी हो चुकी है।

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