नई दिल्ली। मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के कड़े विरोध के बाद भी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नियुक्त कर दिया। लेकिन पद मिलते ही सिद्धू के आगे नई चुनौतियां आ गई हैं। दरअसल, सिद्धू मंगलवार को लुधियाना के पास खटकड़ कलां पहुंचे और शहीद भगत सिंह के स्मारक पर माथा टेका। इस बीच सिद्धू के दौरे की भनक लगते ही किसान संगठनों के लोग भी मौके पर पहुंच गए और विरोध प्रदर्शन करने लगे।
सिद्धू को दिखाए गए काले झंडे
किसानों ने यहां विरोध में सिद्धू को काले झंडे दिखाए। पुलिस प्रशासन ने उनको रोकने का प्रयास किया तो किसानों ने जबरदस्ती आगे बढ़ना शुरू कर दिया। पुलिस प्रशासन ने पहले सिद्धू और किसानों की आमने सामने बात करवाने की योजना बनाई लेकिन मामला बिगड़ते देख इसे रद्द करना पड़ा। बंगा के एसएचओ अवतार सिंह ने एएनआई के हवाले से कहा, प्रदर्शनकारी सिद्धू से सवाल करना चाहते थे लेकिन कांग्रेस नेता झड़पों से बचना चाहते थे।
Punjab | Navjot Singh Sidhu, Chief of Punjab Pradesh Congress Committee arrives at Bhagat Singh Marg at Nawanshahr in Ludhiana pic.twitter.com/ClVPmSxJ4R
— ANI (@ANI) July 20, 2021
लंबे बवाल के बाद पंजाब कांग्रेस चीफ बने सिद्धू
बता दें कि कई हफ्तों के सियासी बवाल के बाद रविवार शाम सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष घोषित किया गया है। पद मिलने के बाद सिद्धू ने कहा कि वह राज्य में पार्टी संगठन को मजबूत करने के लिए और अधिक काम करेंगे। सिद्धू ने सुनील जाखड़ की जगह ली है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘आज से हम सभी को एक ही सपने के लिए आगे बढ़कर काम करना और पंजाब में कांग्रेस के अजेय किले को मजबूत करना है। मैं माननीय कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी का विशेष रूप से आभारी हूं कि उन्होंने मुझ पर विश्वास किया और मुझे यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी।’
कांग्रेस के कई विधायकों ने किया था सिद्धू के नाम का विरोध
गौरतलब है कि पार्टी के कई विधायकों ने रविवार शाम को ही कांग्रेस अध्यक्ष को पत्र लिखकर सिद्धू को प्रदेश अध्यक्ष नहीं बनाने की अपील की थी। इसके साथ राज्यसभा सांसद प्रताप सिंह बाजवा के घर पर पंजाब के सांसदों की बैठक भी हुई। इस बैठक में भी कैप्टन और सिद्धू के बीच चल रहे विवाद पर चर्चा हुई। कांग्रेस आलाकमान ने कैप्टन को मनाने के लिए हरीश रावत को दिल्ली से अमृतसर भेजा और संदेश पहुंचाया। खबर आई कि कैप्टन अमरिंदर सिद्धू के सार्वजनिक रूप से माफी मांगने से कम पर तैयार नहीं थे। हालांकि उनकी तरफ से जारी एक बयान में कहा गया है कि पार्टी आलाकमान का हर फैसला उन्हें मंजूर होगा।
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