नई दिल्ली । नव वर्ष का जश्न (new year celebration) मनाने के लिए पहाड़ों (mountains) पर सैलानियों (tourists) की भीड़ है, तो देशभर के प्रमुख मंदिरों (temples) में आस्था का ज्वार उमड़ पड़ा है। पूरे साल सुखमय जीवन व उत्साह की कामना के लिए लाखों श्रद्धालु अपने-अपने इष्ट के दर्शन करेंगे।
वाराणसी में बाबा विश्वनाथ धाम, मथुरा के वृंदावन में श्रीबांकेविहारी मंदिर, मिर्जापुर में मां विंध्यवासिनी, जम्मू-कश्मीर के कटड़ा में मां वैष्णो देवी व मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित महाकालेश्वर मंदिर में आस्था का रेला दिख रहा है। एक अनुमान के मुताबिक, नव वर्ष के पहले दिन करीब 5 लाख लोग महाकाल दरबार में हाजिरी लगाएंगे। विंध्यवासिनी धाम में भी तीन से चार लाख दर्शनार्थियों के पहुंचने का अनुमान है। मां वैष्णो देवी में भी जयकारे लगाते भक्तों का हुजूम पहुंच चुका है।
महाकालेश्वर : सुरक्षा के कड़े इंतजाम
श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रशासन ने भीड़ को देखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। प्रशासक संदीप कुमार सोनी ने बताया कि गर्भगृह व नंदी परिसर में प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा।
मां वैष्णो देवी : पिछले साल जैसे हादसे से बचने के लिए श्राइन बोर्ड और प्रशासन ने कमर कस रखी है।
विंध्यवासिनी धाम
मिर्जापुर प्रशासन ने भीड़ प्रबंधन के लिए 31 दिसंबर से 2 जनवरी तक जोनल व सेक्टर मजिस्ट्रेट तैनात किए हैं। धाम को नौ सेक्टरों में बांटा गया है। काशी विश्वनाथ : नए साल की पूर्व संध्या पर दो लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। नए साल के दिन 5-6 लाख श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है।
श्रीबांकेविहारी : साल के अंतिम दिन शनिवार को करीब एक लाख श्रद्धालु पहुंचे। व्यवस्था संभालने के लिए मजिस्ट्रेट की तैनाती की गई है।
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