उज्जैन। कल महाकाल की पहली सवारी में अधिकारियों की टीम व्यवस्था संभाल रही थी और क्राउड मैनेजमेंट पूरी तरह फेल हो गया। संतोष की बात यह रही कि कोई दुर्घटना नहीं हुई लेकिन कई जगह भगदड़ की स्थिति बन गई थी। 5 लाख लोग सवारी मार्ग पर चल रहे थे। कई लोगों को चोट भी आई।
कल शाम 4 बाबा महाकाल की सवारी महाकाल मंदिर से रामघाट के लिए रवाना हुई। इस दौरान कोट मोहल्ला चौराहे पर तोपखाना और हरिफाटक ब्रिज की ओर की भीड़ जो बेरिकेट के पीछे खड़ी थी उसने बेरिकेट तोड़ दिए और अंदर घुस गई। बड़ी मुश्किल से पालकी को आगे ले जाया गया। इसके बाद गुदरी चौराहा से लेकर रामघाट तक पालकी के आसपास लोगों की संख्या इतनी बढ़ गई कि बड़ी मुश्किल से पालकी आगे बढ़ रही थी। पुलिस वालों को ड्यूटी पर तो लगाया गया लेकिन वह सही रूप में बैरिकेडिंग नहीं कर पा रहे थे। इसी के चलते पालकी के पीछे लगातार भीड़ चल रही थी और इस भीड़ में हरसिद्धि की पाल पर पहुँचकर इतना दबाव बनाया कि वहाँ पर 50 पुलिस वाले भी मिलकर भीड़ को रोक नहीं पाए और पूरी भीड़ पालकी के आसपास हो गई, यहाँ भगदड़ जैसी स्थिति हो गई। पुलिस को यहाँ काफी मशक्कत करना पड़ी। भीड़ इतनी अनियंत्रित हो गई कि इसमें गिरने से दो लोग घायल हो गए। पहली ही सवारी में पुलिस की भीड़ नियंत्रण की पोल खुल गई। आपसी समन्वय नहीं होने के कारण पूरे रास्ते धक्का-मुक्की होती रही और रामघाट पर भी यही स्थिति रही। यहाँ पर पुलिस के आला अधिकारी भी इस पूरे दृश्य को देख रहे थे। कुल मिलाकर सवारी में इस बार आईजी को छोड़कर कलेक्टर, एसपी नए अधिकारी हैं और उन्हें पहली बार सवारी का अनुभव हो रहा है। अगली सवारी में व्यवस्थाएँ सुधारना चाहिए नहीं तो कोई भी बड़ा हादसा हो सकता है।
ढाबा रोड के जर्जर मकानों पर चढ़े हुए थे लोग, नगर निगम ने ना बोर्ड लगाया न चेतावनी लिखी
सवारी मार्ग पर कार्तिक चौक एवं ढाबा रोड में कई पुराने एवं जर्जर मकान हैं, जिन पर हर साल नगर निगम बोर्ड लगवाता है और चेतावनी के फ्लेक्स लगाए जाते हैं लेकिन इस बार नगर निगम ने ऐसा कुछ नहीं किया। इन जर्जर मकानों पर बड़ी संख्या में लोग ऊपर चढ़े हुए थे, यदि सवारी के दौरान यह मकान दरक गए तो कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। नगर निगम को इन सब मकान को चिन्हित करके या तो निर्माण हटाना चाहिए और कोर्ट आदि में यदि मामला है तो वहाँ पर फ्लेक्स की चेतावनी तो लगाना ही चाहिए। पहली सवारी में कल 7 से 8 लाख लोग पूरे सवारी मार्ग पर मौजूद थे। आने वाले दिनों में श्रावण मास में यह संख्या और बढ़ सकती है, इसलिए निगम प्रशासन को इस पर विशेष ध्यान देना होगा।
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