सीहोर। गुरुवार को प्रसिद्ध कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा के ग्राम हेमा चितावलिया स्िथत कुबेरेश्वर धाम पर शुरू हुए रुद्राक्ष वितरण महोत्सव एवं शिवपुराण में पहले दिन ही लाखों की भीड़ उमड़ पड़ी। लोगों की सं या अधिक होने के कारण मंदिर समिति और जिला व पुलिस प्रशासन द्वारा किये गए सारे इंतजाम घ्वस्त हो गए। इन्दौर भोपाल राजमार्ग पर गुरूवार सुबह से ही अमलाहा टोल से लेकर चौपाल सागर तक करीब 15 किलोमीटर के दायरे में हजारों घंटो तक फंसे रहे। यही स्थिति दिन भर बनी रही। वहीं रुद्राक्ष लेने के लिए लाईन में लगी एक महाराष्ट्र की एक महिला की मौत हो गई और धूप व पानी की कमी के चलते सैकड़ों लोग बीमार हो गए। यहाँ पर चारों और अव्यवस्था दिखाई दी। उल्लेखनीय है कि 16 से 22 फरवरी तक सात दिवसीय शिवमहापुराण और रुद्राक्ष वितरण की शुरूआत गुरूवार को कुबेरेश्वर धाम में हुई। इस कार्यक्रम में किसी भी प्रकार की असुविधा न हो और इन्दौर भोपाल राज मार्ग पर जाम नहीं लगे, इसके लिए बीते तीन महीने से मंदिर समिति के साथ जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन द्वारा व्यवस्थाओं के दावे किये जा रहे थे कि शौचालय, पार्किंग, आने जाने के लिए मार्ग, रहने के लिए डोम सहित सुरक्षा व्यवस्था के पु ता इंतजाम रहेंगे। लेकिन इन सभी दावों की पोल पहले दिन ही खुल गई। जब लोग आने शुरू हुए तो मंदिर परिसर खचाखच भरा गया। वहीं इन्दौर भोपाल मार्ग पर करीब 15 किलोमीटर तक का लंबा जाम लग गया। वहीं मंदिर परिसर में भोजन, शौचालय और पीने के पानी के पर्याप्त व्यवस्था दिखाई नहीं दी। इससे लोग परेशान हुए कई लोग रास्ते से ही लौट गए।
भगदड़ जैसे हालात एक महिला की मौत
रूद्राक्ष वितरण केन्द्रों पर बीती रात से ही लोग कतारों में लग गए थे। यहां आने वाले श्रद्धालु जो रुद्राक्ष लेने की चाह में आ रहे हैं, इनमें कई रोगी लोग भी उनके परिजनों के साथ आ रहे हैं। गुरुवार सुबह लाइन में लगी महाराष्ट्र की 52 वर्षीय मंगलबाई की मौत हो गई। इसका पीएम जिला अस्पताल सीहोर में कराया गया। सिविल सर्जन डा प्रवीर गुप्ता ने इस बात की पुष्िट की है। वहीं कुबेरेश्वर धाम पर प्रदेश के मु यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का आगमन था, लेकिन निरस्त कर दिया गया है।
लोगो के जाने का क्रम जारी
अनेक लोग रूद्राक्ष लेने के लिये सीहोर पहुंच गये थे, लेकिन भारी भीड़ और ठहरने खाने के उचित इंतजाम नहीं होने के कारण लौटने लगे। इसी तरह जिन लोगो को एक दिन पहले रूद्राक्ष मिल गया वह लोग भी बिना कथा सुने ही लौटने लगे। लौटने वालो का क्रम सुबह से ही प्रारंभ हो गया था। रेलवे स्टेशन पर हजारों यात्री रेल की प्रतिक्षा में बैठा रहा। इसी तरह बस स्टेण्ड पर भी सैकड़ो लोग वापिस जाने के लिये साधन तलाशते दिखे।
अपने वाहनों से और अपनों से बिछड़े लोग
कुबेरेश्वर धाम पर गुरुवार को लाखों लोग पहुंचे, लोग अपने निजी वाहनों को जिसको जहां जगह मिली वाहन पार्क कर दिया। जब ट्राफिक जाम की स्थिति बनी तो पुलिस ने कई किलोमीटर दूर ही चार पहिया वाहन रूकवा दिये। हालात यह रहे मंदिर में कई अपने और अपने दल से बिछड़ गए। एक बुजुर्ग महिला पिपरिया निवासी शहर की हाउसिंग बोर्ड कालोनी स्थित एक पेट्रोल पंप पर पहुंच गई। महाराष्ट्र अकोला के रहने वाले विकास जंजाल ने बताया कि बस में वह 50 लोग साथ आए थे, इस भीड़ में सारे बिछड़ गए हैं। यहां खाना पानी की कोई व्यवस्था नहीं है। सोशल मीडिया पर दिनभर आए लोगो के बिछुडऩे की सूचना आती रही। कई लोग सुबह से बिछड़े थे जो शाम को मिले। माइको से बिछुड़े हुए लोगो की जानकारी दी जाती रही, लेकिन जनसैलाब और हो हल्ला के कारण सूचनाए अनसुनी ही रही।
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