केदारनाथ: उत्तराखण्ड (Uttarakhand) में केदारनाथ धाम की यात्रा (Kedarnath Dham Yatra) को शुरू हुए 4 दिन बीत चुके हैं. लाखों की संख्या में श्रद्धालु केदारनाथ धाम के दर्शन करने पहुंच रहे (Devotees are arriving to visit Kedarnath Dham.) हैं. हाल ही में आए एक ताजे आंकड़े के मुताबिक, 4 दिन की यात्रा में केदारनाथ मंदिर के दर्शन करने वाले भक्तों की संख्या 1 लाख के पार हो चुकी है. उत्तराखण्ड में 10 मई को अक्षय तृतीया के दिन से चारधाम यात्रा की शुरुआत हुई थी. यमुनोत्री, गंगोत्री और केदारनाथ धाम के कपाट अक्षय तृतीय के शुभ अवसर पर खोले गए थे. श्रद्धालुओं में चारधाम यात्रा को लेकर गजब का उत्साह देखने को मिल रहा है. यही वजह है कि अब तक 1 लाख से भी ज्यादा लोग केदारनाथ धाम के दर्शन कर चुके हैं.
पिछले कई दिनों से उत्तराखण्ड में हल्की बर्फबारी और बारिश जैसी गतिविधियां देखने को मिल रही है, लेकिन इसके बावजूद भी भक्तों की संख्या में कोई कमी नहीं आई है. हालांकि, प्रशासन की तरफ से यात्रियों को सावधानी पूर्वक सफर करने की हिदायत दी गई है. यमुनोत्री, गंगोत्री और केदारनाथ धाम के अलावा 12 मई को बद्रीनाथ धाम के भी कपाट खोल दिए गए थे. बद्रीनाथ धाम में बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने के लिए पहुंच रहे हैं.
इस साल केदारनाथ धाम में भक्तों की सुविधा और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कई जरूरी इंतजाम किए गए हैं. जैसे आस्था पथ का निर्माण किया गया है और कंट्रोल रूम भी बनाया गया है ताकि लोगों को यात्रा के दौरान किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना ना करना पड़े. केदारनाथ यात्रा के दौरान अगर किसी यात्री को मदद की जरूरत है तो वो प्रशासन द्वारा जारी किए गए इन हेल्पलाइन नंबर 9870963731, 01364-297878, 01364-297879 पर अपनी समस्या दर्ज करा सकते हैं. अब तक देश-विदेश से 23 लाख से ज्यादा लोगों ने चारधाम यात्रा करने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया है.
केदारनाथ यात्रा के दौरान हर गतिविधि पर नजर रखने के लिए मंदिर से लेकर हेलीपैड, हाईवे और पैदल मार्ग पर लगभग सवा सौ सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. प्रशासन का कहना है कि यात्रियों की समस्या को फोन पर सुनकर उनका समाधान किया जा रहा है. वहीं केदारनाथ धाम में कंट्रोल रूम स्थापित करने की पहल रुद्रप्रयाग प्रशासन की तरफ से की गई है. केदारनाथ धाम में साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है और सैकड़ों सफाईकर्मी इस कार्य में जुटे हुए हैं. प्रशासन का कहना है कि पेयजल के साथ श्रद्धालुओं को स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने के लिए जगह-जगह शिविर लगाए गए हैं, ताकि लोगों को किसी प्रकार की असुविधा ना हो.
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