उज्जैन। महाकाल लोक का लोकार्पण हुए 10 दिन हो गए हैं, यहाँ 40 से 50 हजार लोग प्रतिदिन आ रहे हैं। प्रशासन को यहाँ व्यवस्था ठीक ढंग से करना चाहिए। अभी श्रद्धालु परेशान हो रहे हैं। महाकाल लोक में द्वार से लेकर फैसिलिटी सेंटर तक विभिन्न प्रकार की शिव महिमा की मूर्तियाँ लगाई गई है, वहीं दीवाल पर शिव महापुराण से संबंधित घटनाएं उकेरी गई है। अभी सामान्य श्रद्धालु आ रहे हैं और वह मूर्तियों को देख रहे हैं तथा दीवार पर उकेरी गई कथा का उनको पता नहीं है और ना ही इन कथाओं के संबंध में कुछ हिंदी में लिखा है। यहाँ संस्कृत में लिखा गया है जो हर किसी के समझ में नहीं आ रहा है। ऐसे में महाकाल मंदिर प्रबंध समिति को महाकाल लोक के लिए तत्काल गाइड की व्यवस्था करना चाहिए और 500 लोगों की संख्या पर एक गाइड देना चाहिए, उसका भी शुल्क मंदिर प्रबंध समिति श्रद्धालुओं से ले ऐसी व्यवस्था करना चाहिए।
इससे प्रशिक्षित गाइड को रोजगार मिलेगा और भगवान महाकाल की मूल कथा श्रद्धालुओं को पता चल सकेगी, वहीं 900 मीटर के इस महाकाल लोक में बाथरूम एवं पानी की व्यवस्था एक या दो स्थानों पर ही है इसे भी बढ़ाने की आवश्यकता है। 10 दिन शुभारंभ के होने को आए हैं। मुख्यमंत्री ने पहली बैठक में महाकाल लोक के संचालन के लिए सुझाव मांगे थे और कई लोगों ने सुझाव भी दिए थे। अब कलेक्टर को चाहिए कि महाकाल लोक की व्यवस्था को लेकर तत्काल निर्णय लें ताकि बाहर से आने वाले श्रद्धालु अच्छा अनुभव लेकर जा सके।
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