नई दिल्ली। राष्ट्रपति चुनाव के लिए संसद और देश के सभी राज्यों की विधानसभाओं में मतदान जारी है। एनडीए ने एक तरफ अपना कुनबा इस चुनाव में मजबूत करके दिखाया है तो वहीं विपक्षी खेमे को क्रॉस वोटिंग का सामना करना पड़ा है। गुजरात से लेकर यूपी तक में एनसीपी, कांग्रेस और सपा में फूट देखने को मिली है।
गुजरात में एनसीपी के विधायक कांधल एस. जडेजा ने पार्टी के रुख से अलग एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के समर्थन में वोट दिया। उन्हें लेकर पहले ही आशंका जताई जा रही थी कि वह पार्टी से अलग रुख अपना सकते हैं। एनसीपी ने यशवंत सिन्हा के समर्थन का ऐलान किया था। यही नहीं गुजरात में भारतीय ट्राइबल पार्टी के नेता छोटूभाई वसावा ने भी द्रौपदी मुर्मू को ही वोट किया है।
उन्होंने कहा कि मैंने ऐसी नेता को वोट दिया है, जिसने गरीबों को आगे बढ़ाने के लिए काम किया है। अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी को भी राष्ट्रपति चुनाव में फूट का सामना करना पड़ा है। एक तरफ अखिलेश यादव के चाचा और प्रसपा प्रमुख शिवपाल यादव ने खुलेआम द्रौपदी मुर्मू को वोट दिया है तो वहीं सपा के अपने ही विधायक शहजील इस्लाम ने भी द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में मतदान किया है।
बरेली के भोजीपुरा से पार्टी विधायक शहजील इस्लाम बीते कुछ वक्त से पार्टी से नाराज बताए जा रहे थे। शिवपाल यादव ने तो पहले ही साफ कर दिया था कि वह ऐसे शख्स को वोट नहीं करेंगे, जिसने एक दौर में मुलायम सिंह यादव को आईएसआई एजेंट करार दिया था। कांग्रेस भी राष्ट्रपति चुनाव में क्रॉस वोटिंग रोकने में फेल रही है।
ओडिशा से पार्टी के विधायक मोहम्मद मुकीम ने भी एनडीए की राष्ट्रपति उम्मीदवार को वोट दिया है। ओडिशा कांग्रेस के सूत्रों का कहना है कि मुकीम को खुद को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने के लिए दावेदारी कर रहे थे। लेकिन ऐसा नहीं होने से वह पार्टी से नाराज थे। झारखंड में भी कांग्रेस के विधायकों की ओर से क्रॉस वोटिंग करने की आशंका है।
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