नई दिल्ली (New Delhi)। प्राइवेट सेक्टर (Private sector working) में काम करने वालों के लिए प्रोविडेंट फंड (Provident Fund) यानी पीएफ सामाजिक सुरक्षा (large base of social security) का बड़ा आधार है। यह कई बार आपातकालीन स्थितियों (emergency situations) में जरूरत पड़ने पर बहुत काम का साबित होता है। इसके अलावा रिटायरमेंट के बाद के जीवन को भी इससे सुरक्षा मिलती है. लेकिन क्या हो, अगर कोई आपके पीएफ अकाउंट (PF Account) को खाली कर दे?
हैरान कर देगा ताजा मामला
यह कोई बेतुका सवाल भी नहीं है. इससे जुड़ा एक ऐसा ताजा मामला सामने आया है, जिसे जानने के बाद आप न सिर्फ हैरान होंगे, बल्कि परेशान भी हो जाएंगे. इस मामले में सीबीआई ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है, जो आधार कार्ड (Aadhaar Card) से जुड़ी जानकारियों के साथ हेरफेर कर दूसरों के पीएफ अकाउंट से पैसे निकाल लेता था। गिरफ्तार व्यक्ति के ऊपर आरोप है कि उसने अपने कुछ सहयोगियों के साथ मिलकर इस तरीके से करोड़ों रुपये की निकासी की।
ऐसे लोग बने गिरोह के शिकार
एक रिपोर्ट में सीबीआई के अधिकारियों के हवाले से यह जानकारी दी गई है। अधिकारियों के अनुसार, दिल्ली के प्रियांशु कुमार नामक व्यक्ति ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर इसे अंजाम दिया है. आरोपियों ने ऐसे लोगों को निशाना बनाया, जिन्होंने अभी तक अपने ईपीएफ अकाउंट को आधार से लिंक नहीं किया था. ऐसे लोगों के पीएफ अकाउंट से आरोपियों ने मिलकर करोड़ों रुपये निकाल लिए.
करीब 2 करोड़ रुपये का फ्रॉड
रिपोर्ट के अनुसार, प्रियांशु कुमार और उसके सहयोगियों ने 11 पीएफ अकाउंट से 1.83 करोड़ रुपये निकाले. उन्होंने ये निकासी करने के लिए 39 फर्जी दावे किए. इस मामले में सीबीआई ने पिछले साल आठ फरवरी को सात प्रतिष्ठानों और एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया था. सीबीआई ने यह मामला ईपीएफओ की शिकायत के आधार पर दर्ज किया था. ईपीएफओ ने वास्तविक लाभार्थियों के पीएफ अकाउंट से गलत तरीके से पैसे निकालने के लिए पहचान चुराने से जुड़ी शिकायत की थी।
इस कारण हुआ गड़बड़ी का शक
प्रियांशु कुमार और उसके गिरोह ने नागपुर, औरंगाबाद, पटना और रांची जैसे शहरों में प्रतिष्ठानों का पंजीकरण कराया था. उनमें बिना किसी मैनुअल वेरिफिकेशन के पीएफ कवरेज लिए गए थे. जब जांच की गई तो पता चला कि इन प्रतिष्ठानों के साथ लिंक्ड यूनिक अकाउंट नंबर्स की संख्या योगदान देने वाले कुल अकाउंट की संख्या से ज्यादा थी. इस से फ्रॉड का संदेह पुख्ता हुआ।
गिरोह का मोडस ओपरांडी
सीबीआई के अनुसार, ये लोग अपने प्रतिष्ठानों में ऐसे लोगों के यूएएन को रजिस्टर कर लेते थे, जो वास्तव में पीएफ अकाउंट के लाभार्थी हैं. लाभार्थियों को सिर्फ एक दिन के लिए अपने प्रतिष्ठान का कर्मचारी दिखा दिया जाता था. इससे संबंधित प्रतिष्ठानों को केवाईसी के डिटेल्स को बदलने का अधिकार मिल जाता था. इसके बाद गिरोह आधार की जानकारियों के साथ हेर-फेर करता था और असली लाभार्थियों के नाम पर निकासी का दावा कर देता था. इस तरह से वे दूसरों के पीएफ अकाउंट से पैसे निकाल ले रहे थे।
तलाशी में मिले कई सबूत
एजेंसी की खबर के अनुसार, सीबीआई ने इस मामले में बिहार, झारखंड और दिल्ली में गिरोह से जुड़े आठ परिसरों की तलाशी ली थी, जिसमें कई डॉक्यूमेंट, मोबाइल फोन, एटीएम कार्ड, चेकबुक और पासबुक जैसे सबूत बरामद हुए थे. सीबीआई के प्रवक्ता ने बताया कि एक विशेष अदालत ने गिरफ्तार किए गए प्रियांशु कुमार को चार दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया है।
बचने के लिए क्या करें
डिजिटल होते दौर में फ्रॉड करने के तौर-तरीके बदल रहे हैं. हालांकि इस तरह के फ्रॉड की आशंकाओं को सजगता से बहुत कम किया जा सकता है. सबसे पहले तो सिक्योरिटी के मौजूद उपायों पर अमल करना चाहिए. अगर आपका भी पीएफ अकाउंट है और आपने अब तक उसे आधार से लिंक नहीं किया है तो बिना देरी के यह काम कर लें. आधार से लिंक होने की स्थिति में बिना आपकी सहमति के क्लेम कर पाना काफी मुश्किल हो जाएगा. दूसरी बात कि पीएफ अकाउंट को बीच-बीच में चेक करते रहना चाहिए. कुछ भी गड़बड़ी की आशंका लगे तो तत्काल ईपीएफओ को सूचित करना चाहिए।
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