नई दिल्ली । श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट(Shri Ram Janmabhoomi Tirtha Kshetra Trust) ने बताया है कि 22 जनवरी को अयोध्या (Ayodhya)में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा (Pran Pratishtha of the idol of Ramlala)के समारोह की व्यवस्था (arrangement of the ceremony)पर 113 करोड़ रुपए खर्च हुए थे। हाल में हुई श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज की त्रैमासिक बैठक के बाद ट्रस्ट की ओर से वित्तीय वर्ष 2023-24 का वार्षिक लेखा जोखा पेश किया गया। रामलला प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम में देश की जानी-मानी हस्तियों ने भाग लिया था। इसके अनुष्ठान 16 जनवरी से शुरू हुए थे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मुख्य यजमान के तौर पर 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम संपन्न कराया था। इस दिन रामलला अपने गर्भ गृह में विराजमान हो गए। एक हफ्ते तक चले इस अनुष्ठान को लक्ष्मीकांत दीक्षित और गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ के नेतृत्व में दक्षिण भारत समेत दिल्ली, काशी और अयोध्या के 100 से अधिक प्रमुख विद्वानों ने सम्पन्न कराया था।
समारोह के तहत 45 दिवसीय मंडल उत्सव और सेवा राग उत्सव भी हुए जिनमें दक्षिण भारत से आए वैदिक आचार्य ने हिस्सा लिया था। समारोह के दौरान देश भर के प्रसिद्ध और नामचीन कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियां दी थीं। रामलला प्राण प्रतिष्ठा के बाद देश और दुनिया के तमाम हिस्सों से आए राम भक्तों को लेकर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा बड़े पैमाने पर व्यवस्था की गई थी। श्रद्धालुओं के रुकने और भोजन आदि की व्यवस्था की गई थी। नि:शुल्क भंडारों का आयोजन भी हुआ था।
ट्रस्ट की बैठक में विभिन्न विषयों के अलावा वित्तीय वर्ष 2023-24 का वार्षिक लेखा जोखा प्रस्तुत किया गया। इसके आधार पर संस्था का आईटीआर (इनकम टैक्स रिटर्न) सितम्बर माह में भरा जाएगा। इस वित्तीय वर्ष में राम मंदिर सहित इंफ्रास्ट्रक्चर और राजस्व मदों में हुए कुल खर्च को मिला कर मंदिर निर्माण पर अब तक 18 सौ करोड़ खर्च हो चुके हैं। इस वित्तीय वर्ष में कुल वास्तविक खर्च 676 करोड़ बताया गया है जिसमें मंदिर निर्माण पर 540 करोड़ और 136 करोड़ का व्यय अन्य मदों में किया गया है। प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम पर 113 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे। इनमें स्थायी शेड और टेंट सिटी पर 35.97 करोड़, अक्षत पूजन कार्यक्रम पर 30.85 करोड़, विज्ञापन पर 21.77 करोड़, डेकोरेशन लाइटिंग पर 14.62 करोड़, अन्न पर 5.11 करोड़, पूजन-अनुष्ठान पर 1.06 करोड़, राग सेवा पर 93 लाख, लाउड स्पीकर पर 68 लाख, बिजली व्यवस्था पर 43 लाख, मंडल पूजन पर 43 लाख, यातायात व्यवस्था पर 43 लाख, अन्य तैयारियों पर 51 लाख खर्च हुए। ऑफिस की व्यवस्थाओं पर 8 लाख रुपये खर्च किए गए थे।
इस बैठक में स्वीकृत बजट की जानकारी देते हुए तीर्थ क्षेत्र महासचिव चंपतराय ने बताया कि एक अप्रैल 2024 से 31 मार्च 2025 के बीच कुल खर्च का अनुमान 850 करोड़ है। उन्होंने बताया कि इस अनुमानित खर्च में 670 करोड़ का व्यय मंदिर निर्माण व 180 करोड़ अन्य मद में खर्च हो सकते हैं। उन्होंने वित्तीय वर्ष 2023-24 में एक अप्रैल 2023 से 31 मार्च 2024 के बीच 676 करोड़ कुल खर्च की जानकारी दी। बताया कि इसमें 540 करोड़ मंदिर निर्माण पर व्यय हुआ जबकि 136 करोड़ अन्य मद में खर्च किए गये। यह भी बताया गया कि अन्य मदों में प्राण-प्रतिष्ठा समारोह को लेकर किया गया व्यय भी सम्मिलित हैं।
राम मंदिर के प्रथम तल पर टाइटेनियम के राम दरबार की भी होगी स्थापना राम मंदिर के प्रथम तल का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है। यहां श्वेत संगमरमर से राम दरबार की प्रतिष्ठा की जानी है। राम दरबार के इस विग्रह का निर्माण जयपुर में किया जा रहा है। उधर तीर्थ क्षेत्र ने पहले टाइटेनियम (पनडुब्बी आदि में जिसे सुरक्षा उपकरणों में प्रयोग किया जाता है) से राम दरबार निर्माण का निर्णय लिया था लेकिन बाद में सर्व सम्मति मार्बल के पक्ष में होने के कारण इस विचार को त्याग दिया गया। फिर भी टाइटेनियम के विग्रह का निर्माण प्रयोग के तौर पर किसी श्रद्धालु की ओर से कराया गया है और इसे गुरुवार को तीर्थ क्षेत्र को सौंप भी दिया गया। इस टाइटेनियम के विग्रह के बारे में ट्रस्टीज ने निर्णय लिया है कि यह विग्रह उत्सव विग्रह के रूप में प्रथम तल पर स्थापित किया जाए। जिससे विशेष उत्सव में उन्हें शामिल किया जाए। बताया गया कि राम दरबार का यह विग्रह डेढ़ फिट लंबा व एक फिट चौड़ा व सवा फिट ऊंचा है और वजन भी कम है।
बैंकों से ब्याज के रूप में हुई 204 करोड़ की आमदनी
तीर्थ क्षेत्र महासचिव ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में कुल आय 363 करोड़ 34 लाख की हुई है जिसमें सर्वाधिक आमदनी बैंकों से ब्याज के रूप में शामिल हैं जो कि करीब 204 करोड़ है। इसी तरह से तीर्थ क्षेत्र के कार्यालय के काउंटर पर नकदी व चेक के रूप में कुल 58 करोड़ प्राप्त हुए। वहीं दानपात्र में 24 करोड़ 50 लाख के चढ़ावे की गिनती कराकर धनराशि बैंक में जमा की जा चुकी है। इसी तरह देश भर से तीर्थ क्षेत्र के खातों में श्रद्धालुओं द्वारा आनलाइन 71 करोड़ की धनराशि जमा कराई गयी।
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