उज्जैन। बिनोद-बिमल मिल के श्रमिकों का करोड़ों रुपया अभी भी नहीं मिल पाया है, यह राशि अब ब्याज सहित बढ़कर 100 करोड़ तक पहुंच गई है। सरकार और जनप्रतिनिधि केवल भुगतान कराने की बातें करते हैं लेकिन मजदूरों को अब तक एक पाई भी नहीं दी गई। सरकार अब जमीन बेचकर मजदूरों को रुपया देने की बात कर रही है लेकिन अब तक जमीन के टैंडर ही नहीं निकाले जा सके हैं। उल्लेखनीय है कि करीब 3 दशक पहले बिनोद बिमल मिल बंद कर दी गई थी। इसके बाद से मिल के हजारों मजदूर बेरोजगार हो गए थे और उनका बकाया पैसा भी अटक गया था।
न्यायालय में लंबे समय से मजदूरों ने अपने हक की लड़ाई लड़ी और हाईकोर्ट के साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट ने भी मजदूरों के बकाया लगभग 84 करोड़ से ज्यादा की राशि सरकार को तत्काल भुगतान करने के निर्देश दो साल पहले दे दिए थे, इस पर सरकार ने कोर्ट को आश्वासन दिया था कि मिल की जमीन बेचकर वह मजदूरों का पूरा भुगतान कर देगी। बिनोद बिमल मिल की जमीन को बेचकर मजदूरों का भुगतान करने के लिए पिछले दिनों शासन प्रशासन स्तर पर प्रयास हुए थे और दावा किया गया था कि जमीन की बिक्री के लिए जल्द टैंडर निकाले जाएंगे। यह प्रक्रिया अभी भी पूरी नहीं हो पाई है और इसके कारण मजदूरों को भुगतान नहीं हो पा रहा है। अपने बकाया भुगतान का इंतजार करते-करते ढाई हजार से ज्यादा मिल श्रमिक स्वर्ग को सिधार चुके हैं और उनके परिवार इसी उम्मीद में हैं कि उनका बकाया भुगतान हो जाएगा।
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