इंदौर। लगभग एक साल से शहर में बिजली कनेक्शन काटने के नाम पर लोगों के साथ ठगी हो रही है, लेकिन एक भी मामले में पुलिस किसी भी गैंग को नहीं पकड़ सकी है। बताते हैं कि सात माह में क्राइम ब्रांच के पास एक हजार से अधिक शिकायतें पहुंची हैं, जिनमें इंदौरियों के बैंक खातों से करोड़ों रुपए उड़ा दिए गए।
पिछले कुछ माह से पुलिस के पास दो तरह की शिकायतें सबसे अधिक आ रही हैं। पहला मामला इंस्टेंट लोन के नाम पर धमकी और ब्लैकमेलिंग का है तो दूसरे नंबर पर सबसे अधिक शिकायतें बिजली बिल बकाया होने के नाम पर ठगी की हैं। कुछ मामलों में मैसेज कर लोगों को ऐप डाउनलोड करवाकर उनका खाता साफ कर दिया जा रहा है तो कुछ लोगों से मोबाइल से संपर्क कर फिर बिल भरने के लिए दो रुपए खाते में डालने के नाम पर ठगी की जा रही है।
बताते हैं कि क्राइम ब्रांच के पास रोजाना इस तरह की दो से तीन शिकायतें पहुंच रही हैं। इसके अलावा साइबर सेल के पास भी दो लाख से ऊपर की ठगी की कुछ शिकायतें दर्ज हो रही हैं। ठग लोगों से पांच हजार से लेकर पांच लाख तक की ठगी कर चुके हैं। एडीसीपी क्राइम ने माना कि इस साल के आठ माह में इंदौर क्राइम ब्रांच के पास बिजली बिल के नाम से ठगी की एक हजार से अधिक शिकायतें पेंडिंग हैं, लेकिन अभी तक किसी मामले में पुलिस आरोपियों को नहीं पकड़ सकी है। हालांकि समय रहते पुलिस से संपर्क करने पर ठगी के शिकार कई लोगों का पैसा क्राइम ब्रांच ने वापस करवाया है। कल ही साइबर सेल ने एक महिला के दो लाख रुपए वापस करवाए हैं।
इन शहरों से आपरेट हो रही गैंग
एडीसीपी क्राइम गुरुप्रसाद पाराशर ने बताया कि हालांकि इंदौर क्राइम ब्रांच अब तक किसी गैंग को पकड़ नहीं सकी है, लेकिन टीमें लगी हुई हैं। जल्द ही पुलिस गैंग को पकड़ लेगी। उनका कहना है कि इस तरह की कई गैंग सक्रिय हैं और अलग-अलग शहरों से आपरेट हो रही हैं, जिनमें प्रमुख रूप से जामताड़ा, भरतपुर, छत्तीसगढ़, मथुरा और प्रयागराज के आसपास के कुछ गांव हैं। इन पर पुलिस की पैनी नजर है।
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