नई दिल्ली (New Delhi) । हाईकोर्ट (High Court) में न्यायाधीशों (judges) के तबादले (transfers) की सिफारिश को मंजूरी में देरी पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सरकार से नाराजगी जताई है। वहीं अदालतों में करोड़ों केस सालों से लंबित हैं। इन सबके बीच आंकड़े यह भी बताते हैं कि अदालतों में बड़ी संख्या में न्यायाधीशों के पद खाली हैं। देश के 25 हाईकोर्टों में कुल 333 पद खाली हैं।
विधि और न्याय मंत्रालय के अनुसार हाईकोर्ट में न्यायाधीशों के कुल स्वीकृत पदों की संख्या 1108 है। इनमें से 775 पद भरे हैं जबकि 333 पद खाली हैं। सरकार ने कहा है कि सरकार और सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम के बीच न्यायाधीशों की नियुक्ति के 142 प्रस्ताव प्रक्रिया के अलग-अलग चरणों में हैं।
सबसे अधिक इलाहाबाद हाईकोर्ट में 64 पद खाली
देश में सबसे अधिक 64 पद इलाहाबाद हाईकोर्ट में खाली हैं। यहां स्वीकृत पदों की संख्या 160 है इनमें 96 पदों पर ही न्यायधीश कार्यरत हैं। दूसरे स्थान पर बंबई हाईकोर्ट है जहां 29 पद खाली हैं। सिक्किम में एक भी पद खाली नहीं है जबकि मेघालय, गुवाहाटी में 1-1 पद, त्रिपुरा में 3 तथा उत्तराखंड, झारखंड तथाआंध्रप्रदेश में 5-5 पद खाली हैं।
विधि एवं न्याय मंत्रालय के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, इलाहाबाद हाइकोर्ट में जजों के कुल 160 पद स्वीकृत हैं। उनमें से 96 पर जज कार्यरत हैं। वहीं 64 खाली हैं। ठीक इसी तरह बंबई हाईकोर्ट में 94 पदों में से 666 कार्यरत हैं और 29 खाली हैं। गुजारत हाईकोर्ट में कुल 52 पद हैं। इनमें से 26 पद खाली हैं। मद्रास हाईकोर्ट को भी 23 जजों की आवश्यक्ता है। यहां कुल 75 पद हैं, जिनमें से 52 पदों पर जज कार्यरत हैं। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की बात करें तो यहां कुल पद 53 हैं, जिनमें से 31 खाली हैं।
पटना हाईकोर्ट में फिलहाल 34 जज हैं। यहां 19 पद खाली पड़े हैं। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में 19 पद खाली हैं। दिल्ली हाईकोर्ट में भी जजों को 15 पद खाली हैं। यहां जजों के कुल स्वीकृत पद 60 हैं। राजस्थान हाईकोर्ट में 15 पद खाली पड़े हैं।
इस साल 80 जज हो जाएंगे रिटायर
विधि एवं न्याय मंत्रालय के अनुसार इस साल यानी वर्ष 2023 में सुप्रीम कोर्ट तथा हाईकोर्ट से 80 न्यायाधीश सेवानिवृत्त हो जाएंगे। सबसे अधिक इलाहाबाद तथा पंजाब और हरियाणा से 9-9 न्यायधीश रिटायर होंगे जबकि सुप्रीम कोर्ट से 8 न्यायाधीश इस साल सेवानिवृत्त होंगे। अन्य में हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर और लद्दाख तथा मेघालय से 1-1 न्यायधीश, कलकत्ता से 4,दिल्ली से 6, मध्य प्रदेश से 7 न्यायाधीश रिटायर होंगे।
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