नैरोबी: नोबेल शांति पुरस्कार (Nobel Peace Prize) विजेता इथियोपिया के प्रधानमंत्री अबी अहमद (Ethiopia’s PM Abiy Ahmed) साल भर से जारी युद्ध की कमान संभालने के लिए युद्ध के मैदान में चले गए हैं क्योंकि प्रतिद्वंद्वी लड़ाके राजधानी की तरफ बढ़ रहे हैं. एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि वह मंगलवार को मोर्चे पर पहुंचे थे.
युद्ध में हजारों लोग शहीद
हालांकि 45 वर्षीय पूर्व सैनिक अबी अहमद की कोई तस्वीर सामने नहीं आई, और उनकी प्रवक्ता बिलिन सीयूम ने ये भी बताने से मना कर दिया है कि वे युद्ध क्षेत्र में किस जगह से कमान संभाल रहे हैं. इथियोपिया के संघीय और संबद्ध सैनिकों और देश के टिग्रे क्षेत्र (Tigray Area) के लड़ाकों के बीच युद्ध में दसियों हजार लोग मारे गए हैं. प्राचीन राष्ट्र के टूटने की आशंका ने इथियोपिया के लोगों और पर्यवेक्षकों दोनों को चिंतित कर दिया है कि अफ्रीका के अक्सर अशांत रहने वाले इस क्षेत्र का क्या होगा.
नेताओं का युद्ध में लड़ना पुरानी परंपरा
आपको बता दें कि अबी अहमद ने 2 साल पहले ही नोबेल पुरस्कार जीता था. अचानक से अबी के युद्ध क्षेत्र में पहुंचने से तमाम पर्यवेक्षक हैरान हैं. कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी से जुड़े एक रिटायर्ड प्रोफेसर क्रिस्टोफर क्लैफम (Christopher Clapham) ने कहा कि मोर्चे पर जाने का यह कदम सम्राट हैली सेलासी और सम्राट योहनेस चतुर्थ सहित इथियोपियाई नेताओं की परंपरा के अनुरूप है. योहनेस चतुर्थ (Yohannes IV) 1889 के युद्ध में मारे गए थे.
भीषण युद्ध में क्या होगा?
क्लैफम ने कहा, ‘यह मुझे परंपरागत इथियोपियाई प्रयोग की तरह नजर आ रहा है. यह एक बेहद लचर इथियोपियाई सैन्य प्रतिक्रिया की तरह दिखने वाले बचाव के लिए आवश्यक हो सकता है.’ इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर डेमोक्रेसी एंड इलेक्टोरल असिस्टेंस के शोधकर्ता अदेम अबेबे ने कहा, ‘स्थिति बेहद खतरनाक है.’ उन्होंने कहा, ‘अगर (अबी) घायल हो जाते हैं या मारे जाते हैं, तो न केवल संघीय सरकार गिर जाएगी बल्कि सेना भी गिर जाएगी.’
उप-प्रधानमंत्री संभालेंगे सरकारी मोर्चा
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री ने इस सप्ताह की शुरुआत में घोषणा की थी कि वह युद्ध के मैदान में जाएंगे. इससे पहले एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि अहमद की गैरमौजूदगी में उप-प्रधानमंत्री देमेके मेकोन्नेन (Demeke Mekonnen) दिन-प्रतिदिन के सरकारी कामकाज को देख रहे हैं.
अन्य देशों ने अपने लोगों को बाहर निकलने की दी सलाह
अफ्रीका के दूसरे सबसे अधिक आबादी वाले देश में युद्ध ने अनुमान के मुताबिक हजारों लोगों की जान ले ली है. फ्रांस, जर्मनी और तुर्की सहित कई देशों ने अपने नागरिकों से कहा है कि वे तत्काल इथियोपिया छोड़ दें क्योंकि उत्तरी टिग्रे क्षेत्र से प्रतिद्वंद्वी लड़ाके राजधानी अदीस अबाबा की ओर बढ़ रहे हैं.
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