भोपाल। पुलिस कमिश्नरेट में चौराहों पर होने वाली चेकिंग मेें अपराधी की पहचान के लिए अब पुलिस बायोमैट्रिक मशीन का इस्तेमाल करेगी। शुरुआती दौर में करीब 5 हजार अपराधियों की जानकारी मोबाइल एप्लीकेशन सिटीजन कॉप में लोड कर दी गई है। सिटीजन कॉप के जरिए चैकिंग में तैनात पुलिस टीम किसी व्यक्ति को रोकेगी और उस पर संंदेह हुआ तो तुरंत बायोमैट्रिक मशीन से फिंगर प्रिंट लेकर डाटा से मिलान करेगी। अपराध दर्ज होने की बात सामने आती है तो तुरंत हिरासत में लेकर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
चेकिंग के दौरान बायोमैट्रिक मशीन से बदमाशों की पहचान का नया तरीका संभवत: देश में पहली बार इंंदौर पुलिस लागू करने जा रही हैै। कई महीनों के प्रयास के बाद विशेष सॉफ्टवेयर तैयार हो चुका है। इसमें बदमाशों का डाटा सेेव करने का काम क्राइम ब्रांच की टीम कर रही है। पुलिस हर आरोपी का फिंगर प्रिंट लेती है, जिससे डाटा से मैचिंग होगी। अफसरों के मुताबिक अगले सप्ताह बायोमैट्रिक मशीन से चेकिंग शुरू हो जाएगी। इंदौर पुलिस कमिश्नर हरिनारायणाचारी मिश्र का कहना है कि बायोमैट्रिक सिस्टम तैयार हो गया है, जो अगले सप्ताह से काम करेगा। चेकिंग में नियम तोडऩे वाले को रोककर मशीन से फिंगर प्रिंट ली जाएगी। अपराध दर्ज हुए तो तुरंत पता चलेगा और संबंधित को हिरासत में लेकर आगे की कार्रवाई की जाएगी। प्रदेश में पहली बार इस तरह की चेकिंग होगी।
सिटीजन कॉप एप्लीकेशन के जरिए होगा संचालन
इंदौर पुलिस कमिश्नर हरिनारायणाचारी मिश्र ने चेकिंग में अपराधियों को पकडऩे में प्रभावी कार्रवाई की योजना बनाई थी। इस योजना के तहत पुलिस के सिटीजन कॉप ऐप बनाने वाले राकेश जैन व उनकी टीम ने सॉफ्टवेयर तैयार किया है। सिटीजन कॉप एप्लीकेशन के जरिए ही इसका संचालन होगा। एप्लीकेशन पर फिंगर प्रिंट आधारित क्रिमिनल डाटा अपलोड किया जा रहा है। जैन के मुताबिक, एप्लीकेशन पर ट्रैफिक अथवा थानों के जिस भी अधिकारी को बायोमैट्रिक मशीन देकर अधिकृत किया जाएगा, वह जांच कर सकेगा।
मुख्यालय की नजर, लागू हो सकता है पूरे प्रदेश में
अपराधियों की पहचान के बायोमैट्रिक सिस्टम पर पुलिस मुख्यालय की नजर है। प्रयोग के तौर पर इंदौर में इसे लागू किया जा रहा है, सफल होने की स्थिति में इसे पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा। बाद में केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजकर देशभर में भी लागू करने की कवायद पर काम होगा।
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