लंदन। ब्रिटेन (UK) दुनिया (Duniya) में अपनी तरह का पहला प्रयोग करने जा रहा है। इसके तहत अपराधियों (Criminals) को GPS टैग पहनाया जाएगा, ताकि उन्हें दोबारा अपराध करने से रोका जा सके। अक्सर यह देखने में आता है कि जेल से रिहा होने के बाद क्रिमिनल दूसरी आपराधिक गतिविधियों में शामिल हो जाते हैं। ब्रिटेन में इस तरह के बढ़ते मामलों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने अपराधियों को जीपीएस टैग पहनाने का फैसला लिया है। नए नियमों के अनुसार, एक वर्ष या उससे अधिक की सजा पाने वालों में GPS फिट किया जाएगा।
Britain में ऐसी है स्थिति
ब्रिटिश सरकार (British Government) का कहना है कि इस पहल से पुलिस (Police) को शातिर अपराधियों पर 24/7 नजर रखने में मदद मिलेगी। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, चोरी और सेंधमारी के दोषियों में से आधे से अधिक एक वर्ष के भीतर दोबारा वारदातों को अंजाम देते हैं और 80 फीसदी मामलों में किसी संदिग्ध की पहचान नहीं हो पाती। नए नियम से पुलिस को ऐसे लोगों को पकड़ने में सहायता मिलेगी।
Kit Malthouse ने गिनाए फायदे
हमारी सहयोगी वेबसाइट WION में छपी खबर के अनुसार, मिनिस्टर फॉर क्राइम एंड पुलिसिंग किट माल्थस (Kit Malthouse) ने स्काई न्यूज से बातचीत में बताया कि जीपीएस टैग से पुलिस को अपराधियों पर नजर रखने में मदद मिलेगी। इसके दो फायदे होंगे, पहला पुलिस अपराधियों को किसी दूसरी वारदात को अंजाम देने से रोक सकेगी। दूसरा, यदि वारदात हो भी जाती है, तो अपराधियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जा सकेगा। क्योंकि GPS की मदद से पुलिस को पता होगा कि अपराधी कहां है।
Police हासिल कर पाएगी सबूत
मंत्री ने बताया कि पुलिस जेल और प्रोबेशन सर्विस के कर्मचारियों के साथ काम करेगी। ताकि यह पता लगाया जा सके कि GPS टैग वाला अपराधी उस क्षेत्र में मौजूद था या नहीं, जहां चोरी, लूट, डकैती या हत्या जैसी वारदात को अंजाम दिया गया। किट माल्थस के अनुसार, इससे सुरक्षाकर्मियों को अपराधियों को पकड़ने के लिए जरूरी सबूत मिल सकते हैं। यदि ब्रिटेन अपनी इस योजना में सफल होता है, तो यह दुनिया में अपनी तरह का पहला प्रयोग होगा। क्योंकि अभी तक किसी भी देश में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है।
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