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नीतीश राज में अपराधियों के हौसले मस्त! क्रिमिनल्स को ठोकने का वादा क्यों साबित हो रहा खोखला?

नई दिल्ली: 15 दिन पहले बिहार में एक प्रॉपर्टी डीलर को गोली मारी जाती है. उसे अस्पताल में भर्ती कराया जाता है. संयोग से वह बच जाता है. जिस दिन वह ठीक होकर अस्पताल से घर जा रहा होता है, उसी दिन फिर अपराधी उसे गोली मार देते हैं. इस बार बचने की कोई गुंजाइश न रहे, इसलिए अपराधी उसके गले में सटाकर गोली मारते हैं. जी हां, यह घटना है 25 जून की. मृतक भोला शर्मा अस्पताल से ठीक होकर अपने परिजनों के साथ घर जा रहे थे, तभी चलती ट्रेन में अपराधी चढ़े और गोली मारकर निर्मम हत्या कर दी. भोला को गोली मारने के बाद अपराधी दुबक कर नहीं भागे. वह हथियार लहराते हुए गए. मानों वे नीतीश सरकार और उसकी पुलिस को ठेंगा दिखा रहे हों.

मर्डर की यह वारदात, यह बताने के लिए काफी है कि बिहार में अपराधियों के हौसले मस्त हैं. कहां तो 15 दिनों में अपराधी को पकड़ लिया जाना चाहिए था. मगर 15 दिन बाद वही अपराधी अपने टारगेट को सरेआम खत्म कर देते हैं. ऐसे में तो अपराधियों के आगे पुलिस-प्रशासन सच में पस्त है. मर्डर करना जैसे उनके लिए बाएं हाथ का खेल हो गया हो. सरकार-पुलिस की तो जैसे उन्हें कोई परवाह ही नहीं. जहां और जब चाहें, वो अपने टारगेट को खत्म कर दे रहे हैं. पटना से महज कुछ दूरी पर ही यह मर्डर होना, नीतीश सरकार के लॉ एंड ऑर्डर पर बड़ा सवाल भी है. यह वारदात यह बताने के लिए भी काफी है कि नीतीश राज में अपराधियों के हौसले कितने बुलंद हैं.


इसलिए भी यह कोई ऐसा-वैसा मर्डर केस नहीं है. एक ही शख्स को 15 दिन के भीतर दूसरी बार गोली मारना और उसकी हत्या करना, अपने आप में बड़ी घटना है. यह नीतीश सरकार की कानून-व्यवस्था पर करारा तमाचा भी है. बिहार की राजधानी के पास यह घटना तब हुई है, जब नीतीश कैबिनेट ने अपराधियों को बुलेट का जवाब बुलेट से देने का फैसला किया है. बिहार सरकार ने यह फैसला लिया है कि बंदूक लेकर चलने वाले अपराधियों को सीधे गोली मार दी जाएगी. बीते दिनों ही नीतीश सरकार के मंत्री दिलीप जायसवाल ने डंके की चोट पर कहा था कि अब राज्य में कहीं कोई अपराधी नहीं बचेगा. जो अपराधी बंदूक लेकर चलता है, उसे खत्म कर दिया जाएगा. अब बिहार में गरीबों और शरीफों का राज होगा, गोली-बंदूक लेकर चलने वालों का नहीं.

मगर हकीकत नीतीश सरकार के दावे से उलट दिख रहा है. बिहार में अपराध चरम पर है. पुलिस सरकार के ठोकने के दावे को साकार नहीं कर पा रही है. मुजफ्फरपुर में भी बुधवार को एक पत्रकार की अपराधियों ने गला रेतकर हत्या कर दी. तेजस्वी यादव ने तो सरकार के सामने वारदात की पूरी फेहरिस्त रख दी है. तेजस्वी यादव ने कानून-व्यवस्था को लेकर नीतीश सरकार को घेरा है. उन्होंने बिहार में 2 से 3 दिन के भीतर की वारदातों की लिस्ट जारी की है. उनके मुताबिक, बिहार में बीते 2-3 दिनों में अपराधियों ने करीब 33 हत्या की वारदातों को अंजाम दिया है. हालांकि, जब तेजस्वी और नीतीश की साथ में सरकार थी, तब भाजपा ने एनसीआरबी के डेटा को लेकर हमला बोला था और इसे जंगल राज बताया था.

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