इंदौर। शहर में ऑनलाइन ठगी (online fraud in the city) की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। दो माह में 100 से अधिक लोग ठगी का शिकार हुए हैं, जिनमें से 42 लोगों के 40 लाख से अधिक की राशि पुलिस ने वापस करवाई है। रोजाना एक-दो लोगों के पैसे पुलिस वापस करवा रही है, लेकिन लगातार एडवाइजरी जारी करने के बाद भी लोग ठगों की बातों में आ रहे हैं और ठगी का शिकार हो रहे हैं।
बढ़ती ऑनलाइन ठगी की घटनाओं को रोकने के लिए क्राइम ब्रांच (crime branch) ने एक सेल बना रखा है। इस सेल का प्रयास होता है कि यदि समय पर व्यक्ति पुलिस के पास पहुंच जाए तो उसके पैसे वापस करवाए जा सकें। अतिरिक्त उपायुक्त क्राइम गुरुप्रसाद पाराशर ने बताया कि इस साल के पहले दो माह में 42 लोगों के साथ ठगी की घटनाएं सामने आई थीं और वे तुरंत पुलिस के पास पहुंच गए थे। इसके चलते उनके साथ हुई ठगी के लगभग 40 लाख रुपए वापस करवाए गए।
इन सब लोगों के साथ 50 हजार से दो लाख तक की ठगी हुई थी। किसी को केवाईसी अपडेट (KYC Update), किसी को किराएदार बनकर, किसी को क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने के नाम पर, किसी को बैंक अधिकारी बनकर, किसी को लॉटरी के नाम पर उनसे ओटीपी प्राप्त कर लिया गया और खाते से पैसा निकाल लिए गए थे। कुछ मामलों में ठगों ने ऑनलाइन ठगी के पैसे से खरीदारी कर ली थी। पुलिस ने सभी का पैसा वापस उनके खाते में ट्रांसफर करवा दिया।
उन्होंने कहा कि पुलिस लोगों को जागरूक करने के लिए एडवाइजरी जारी करती है, लेकिन फिर भी लोग ठगों की बातों में आ जाते हैं और ठगी का शिकार हो जाते हैं। गत दो दिनों में पुलिस ने नीतीश यादव के दो लाख और चंद्रदीप चौहान (Chandradeep Chauhan) के एक लाख रुपए वापस करवाए हैं।
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