इंदौर। पांच साल पहले पलासिया थाना क्षेत्र (Palasia Police Station Area) में फर्जी चिटफंड कंपनी खोलकर लोगों के साथ करोड़ों की धोखाधड़ी करने वाले प्रमुख आरोपी (prime accused) और 10 हजार के इनामी को क्राइम ब्रांच (crime branch) ने कल धार से गिरफ्तार किया। एक आरोपी को दो माह पहले ही देवास से गिरफ्तार (arrested from dewas) किया गया था। इस मामले में 15 से अधिक आरोपी हैं और सभी पर 10-10 हजार का इनाम है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार 2017 में पलासिया थाना क्षेत्र में एक चिटफंड कंपनी (chit fund company) खोली गई थी, जिसमें अधिक ब्याज और पैसा दोगुना करने का लालच देकर सैकड़ों लोगों से 10 करोड़ से अधिक की ठगी हुई थी। इसके बाद कंपनी ऑफिस बंद कर फरार हो गई थी। इस मामले में पलासिया पुलिस (Palasia Police) ने आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया था। कंपनी में एक दर्जन से अधिक डायरेक्टर थे, जो अलग-अलग शहरों के थे। पांच-छह को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था, बाकी पांच साल से फरार चल रहे हैं। इन पर 10-10 हजार का इनाम घोषित है।
कल एडिशनल कमिश्नर राजेश हिंगनकर (Additional Commissioner Rajesh Hingankar) और डीसीपी निमिष अग्रवाल (DCP Nimish Agarwal) को सूचना मिली थी कि आरोपी धार में घर आया हुआ है। इस पर गुरुप्रसाद पाराशर (Guruprasad Parashar) ने एक टीम बनाकर आरोपी को पकडऩे भेजी। टीम ने देर रात धार पुलिस की मदद से आरोपी दिलीप पिता रामरतन सेन (Dilip father Ramratan Sen) निवासी गांधी चौक सरदारपुर के घर छापा मारा और उसे गिरफ्तार कर लिया। क्राइम ब्रांच के सूत्रों ने बताया कि कुछ दिन पहले क्राइम ब्रांच ने एक और इनामी आरोपी उमेश को देवास से गिरफ्तार किया था। इस केस में उमेश का पिता भी आरोपी है और उस पर भी 10 हजार का इनाम है, लेकिन वह फरार हो गया था। पुलिस उसकी भी तलाश कर रही है। वहीं गिरफ्तार आरोपी दिलीप से अन्य फरार आरोपियों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है।
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