इंदौर। एक बार फिर होलकर स्टेडियम में होने वाले मैच के चलते आम जनता को भीषण यातायात जाम से लेकर रास्ते बंद होने की परेशानी भोगना पड़ेगी। पिछले दिनों भी हुए मैच के चलते रेसकोर्स रोड, एमजी और एबी रोड पर भीषण जाम लगा था और घंटों लोग परेशान होते रहे और यही स्थिति आज भी शाम से लेकर रात तक इन मार्गों पर निर्मित होगी, जहां क्रिकेटिया जाम लगेगा।
आज शाम 7 बजे से टी-20 मैच होलकर स्टेडियम में होगा। भारत-दक्षिण अफ्रीका के बीच होने वाले इस मैच को लेकर जहां पूरे शहर में उत्सुकता है, वहीं पास-टिकटों की भी जमकर मारामारी है। पुलिस और यातायात महकमे ने भले ही ट्रैफिक प्लान, पार्किंग प्लान बना लिया हो, मगर मैदानी स्थिति इसके ठीक उलट नजर आती है। कल से ही रेसकोर्स रोड पर तो बैरिकेडिंग लगाकर आधी से अधिक सडक़ बंद कर रखी थी और सुबह से भी यही हाल है, जबकि रेसकोर्स रोड और अभय प्रशाल के पीछे से लेकर आसपास काफी रहवासी इलाका भी है, जहां मल्टी स्टोरी बंगलो में रहने वाले लोग अपने घरों में ही कैद हो जाते हैं। अभी शहरभर में गरबों का भी महापौर चल रहा है और आज नवमी पूजन भी है, जिसके चलते बड़ी संख्या में लोगों की आवाजाही रहती है, लेकिन मैच के चलते शहर की तीन प्रमुख सडक़ें लगभग बंद ही रहेंगी। दोपहर 2 बजे से ही इन मार्गों पर जाने से बचने की सलाह मीडिया ने ही दे डाली है। पता नहीं कब इस तरह के जाम से जनता को निजात मिलेगी।
टिकटों का फर्जीवाड़ा भी उजागर मगर कोई कार्रवाई नहीं
जब भी मैच होता है, टिकटों का फर्जीवाड़ा उजागर होता रहा है। इस बार भी कुछ असली टिकटों के साथ नकली टिकटें भी बाजार में आ गई और इससे जुड़े लोगों को पुलिस ने पकड़ा भी, जिनके पास से नकली टिकटें बड़ी संख्या में जब्त की गई, वहीं कई टिकटें क्रिकेट प्रेमियों को ऊंचे दामों पर बेच दी गर्इं। पूर्व में भी इस तरह के आरोप एमपीसीए पर लगते रहे हैं। मगर कोई कार्रवाई इसलिए नहीं होती कि रसूखदारों का कब्जा है और अब तो ज्योतिरादित्य सिंधिया भाजपा में शामिल होकर केन्द्रीय मंत्री के साथ-साथ ताकतवर नेता भी हो गए हैं, जिसके चलते शासन-प्रशासन से लेकर किसी भी महकमे की मजाल नहीं कि कोई कुछ बोल सके।
चोरी और सीनाजोरी, निगम पर भी लगा दिए झूठे आरोप
पूर्व में जहां मनोरंजन कर में माफी करवाई जाती रही, वहीं नगर निगम का सम्पत्ति कर भी जमा नहीं करवाते हैं। कल निगम ने लगभग 35 लाख से अधिक के बकाया सम्पत्ति कर को लेकर तकाजा किया, जिसमें 32 लाख रुपए तो सम्पत्ति कर और विभिन्न मदों पर ढाई लाख रुपए और पौने 2 लाख रुपए से अधिक जल कर और लगभग 12 हजार रुपए कचरा संग्रहण शुल्क की मांग की तो एमपीसीए के अध्यक्ष अभिलाष खांडेकर ने भोपाल के आला अधिकारियों को पत्र लिखने के साथ निगम अधिकारियों पर ही झूठे आरोप लगा दिए कि वीआईपी पास की मांग की गई, जिसके चलते छापे की कार्रवाई की गई।
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