चंडीगढ़ । भारतीय क्रिकेट टीम (Indian Cricket Team) के पूर्व क्रिकेटर युवराज सिंह (Former Cricket Yuvraj Singh) के पिता योगराज सिंह (Yograj Singh) खालिस्तानियों और आतंकियों को जेल से छुड़ाना चाहते हैं. इसको लेकर उन्होंने पंजाब (Punjab) के फतेहगढ़ साहिब (Fatehgarh Sahib) में एक बड़ा मार्च निकाला और जेलों मे बंद खालिस्तानी कैदियों (Khalistani Prisoners) की रिहाई की मांग की. खालिस्तानियों को छुड़ाने के लिए निकाले गए इस मार्च को क्रिकेटर युवराज सिंह के पिता योगराज सिंह (Yograj Singh) लीड कर रहे थे. वे देश के खिलाफ साजिश रचने वाले आतंकियों को छुड़ाने की मुहिम चला रहे है.
गौरतलब है कि पंजाब और देश के अलग-अलग जिलों की जेलों मे बंद खालिस्तानी कैदियों की रिहाई के लिए जगतार सिंह हवारा कमेटी के नेतृत्व में बड़ी संख्या में धार्मिक और सामाजिक संगठनों ने जिला फतेहगढ़ साहिब के गुरुद्वारा ज्योति सरूप साहिब से मार्च निकला. मार्च के दौरान खालिस्तान के पोस्टर भी वहां दिखाई दिए. इसके साथ ही जेल में बंद खालिस्तानियों की तस्वीरों की प्रदर्शनी भी लगाई गई.
इस अवसर पर बोलते हुए विभिन्न समूहों के नेताओं ने कहा कि सरकार जानबूझकर बंद सिंघों को रिहा नहीं कर रही है, जिन्होंने अपनी सजा पूरी कर ली है और यह नहीं बताया जा रहा है कि किस कानून के तहत उन्हें बार-बार पूछताछ के तहत रखा जा रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार के पास किसी भी व्यक्ति को रिहा करने की शक्ति है और अनुच्छेद 161 के तहत खासतौर पर राज्यपाल के पास कैदियों को रिहा करने की शक्ति है. हम न्याय की तलाश में राज्यपाल के पास गए थे और हमें जल्द न्याय मिलेगा.
पंथिक संगठनों ने सिखों पर सरकार के दोहरे मापदंड की निंदा करते हुए आरोप लगाया कि साल 2019 में पंजाब के राज्यपाल ने कैप्टन सरकार की सिफारिश पर संविधान के अनुच्छेद 161 के तहत सिखों की हत्या के आरोप में आजीवन कारावास की सजा काट रहे चार पुलिसकर्मियों को चार साल बाद ही रिहा कर दिया गया. इसी तरह, 2007 के बम धमाकों के दोषियों को बरी कर दिया गया. बंदियों ने अपनी सजा पूरी कर ली है, लेकिन रिहा नहीं किया गया है.
वहीं, भाई बलदेव सिंह ने कहा कि यह विशाल सभा आज की सरकारों को समझाने के लिए की जा रही है कि जब सरकारें न्याय की जगह अन्याय पर उतर आती हैं तो इसकी जरूरत होती है. उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा गुरु नानक की 550वीं जयंती पर घोषणा के बावजूद अब तक प्रो. दविंदरपाल सिंह भुल्लर और गुरदीप सिंह खेरा को रिहा नहीं किया गया है. इसके अलावा जिन कैदियों ने अपनी सजा पूरी कर ली है, लेकिन रिहा नहीं हुए हैं उनमें जत्थेदार जगतार सिंह हवारा, भाई जगतार सिंह तारा, भाई बलवंत सिंह राजोआना, भाई लखविंदर सिंह, भाई शमशेर सिंह, भाई परमजीत सिंह भौरा और भाई गुरमीत सिंह शामिल हैं.
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