नई दिल्ली (New Delhi)। विश्व कप (Cricket World Cup 2023) का आगाज 5 अक्टूबर से होगा. इस पूरे टूर्नामेंट में कुल 10 टीमें खेल रही है और कुल 48 मैच खेले जाएंगे. भारतीय टीम (Indian Cricket Team) इस बार मेजबान है. बता दें कि 5 अक्टूबर को विश्व कप का पहला मुकाबला इंग्लैंड और न्यूजीलैंड (First match England vs New Zealand) की टीम से होगा. दोनों टीमें पिछले विश्व कप के फाइनल में एक दूसरे के खिलाफ खेली थी जिसमें इंग्लैंड को जीत मिली थी. बता दें कि 10 टीमों में से टॉप 4 टीमें सेमीफाइनल में पहुंचेगी. ऐसे में जानते हैं कि टीमें कैसे सेमीफाइनल में पहुंच सकती है. इसके लिए टीमों के किस तरह का परफॉर्मेंस विश्व कप में दिखाना होगा
सेमीफाइनल में कैसे पहुंच सकती है टीमें
इस बार सभी टीमों को 9 मैच एक दूसरे टीम से खेलनी है. ऐसे में यदि कोई टीम 9 मैच में से 7 मैच जीतने में सफल रहती है तो उस टीम के लिए सेमीफाइनल में पहुंचना आसान हो सकता है. इसके अलावा टीमों को अपने रन रेट पर भी ध्यान देते रहना होगा. यदि बारिश की वजह से मैच रद्द हुआ या फिर प्वाइंट्स को आपस में बांटने पड़े तो, यहां से वही टीम आगे जाएगी जिसका नेट रन रेट बेहतर होगा।
उदाहरण के तौर पर 2019 विश्व कप के दौरान न्यूजीलैंड को नेट रन रेट का फायदा मिला था, जिसके कारण प्वाइंट्स टेबल में पाकिस्तान पांचवें स्थान पर पहुंच गया था और कीवी टीम चौथे स्थान पर पहुंच गई थी. दोनों ही टीमों ने विश्व कप 2019 के दौरान 9 मैच में 5 मैच में जीत हासिल की थी. लेकिन बेहतर रन रेट के कारण न्यूजीलैंड सेमीफाइनल में पहुंचने में सफल रहा था. इस बार भी जो भी टीम 7 मैच जीतने में सफल रहेगी, उस टीम के लिए सेमीफाइनल में पहुंचना आसान हो सकता है।
भारत कैसे पहुंच सकता है सेमीफाइनल में
यानी इस बार यदि भारतीय टीम को सेमीफाइनल का रास्ता तय करना है तो उसे कम से अपने 9 मैच में से 7 मैच को हर हाल में जीतना होगा. वहीं, टीम को रन रेट पर भी फोकस शुरू से ही देते रहना होगा।
पहली बार भारत कर रहा पूर्ण मेजबानी
यह पहला मौका है जब भारत विश्व कप की मेजबानी अकेले कर रहा है. 2011 में भारत, श्रीलंका और बांग्लादेश ने मिलकर विश्व कप की मेजबानी की थी. बता दें कि 2011 से पहले भारत ने 1987 और 1996 में विश्व कप की मेजबानी की थी लेकिन अकेले नहीं की थी।
वेस्टइंडीज विश्व कप नहीं खेल रहा
2 बार की विश्व चैंपियन वेस्टइंडीज इस बार विश्व कप का हिस्सा नही है जो यकीनन हैरान करने वाला है. दरअसल, विश्व कप के लिए वेस्टइंडीज क्वालीफाई नहीं कर पाया, बता दें कि वेस्टइंडीज की टीम 1975 और 1979 की विश्व विजेता टीम है. इस बार विश्व कप के लिए 8 टीमों ने अपनी रैंकिंग के आधार पर सीधे तौर पर क्वालीफाई किया था. जिसमें भारत होस्ट होने के कारण पहले ही क्वालीफाई कर गया था. इसके अलावा इन टीमों के अलावा क्वालीफाइंग राउंड खेलकर श्रीलंका और नीदरलैंड्स ने विश्व कप के लिए क्वालीफाई किया है।
70 मीटर से कम नहीं होगी बाउंड्री
इस बार विश्व कप के दौरान बाउंड्री 70 मीटर से कम नहीं होगी. आईसीसी ने पिच क्यूरेटरों को पिच पर ज्यादा से ज्यादा घास रखने की बात कही है. अब ऐसे में इसबार का विश्व कप का मजा फैन्स के लिए दोगुना होने वाला है।
बाउंड्री काउंट नियम खत्म
पिछले विश्व कप में जो टीम विजेता बनी थी उस टीम को बाउंड्री काउंट नियम के आधार पर विजेता बना दिया था. दरअसल, न्यूजीलैंड और इंग्लैंड के बीच खेला गया फाइनल मैच टाई रहा था. सुपर ओवर में भी यह मैच टाई रहा, जिसके बाद इंग्लैंड को न्यूजीलैंड की तुलना में ज्यादा बाउंड्री लगाने के आधार पर विजेता घोषित कर दिया गया था. आईसीसी के इस नियम की खूब आलोचना भी हुई थी।
सॉफ्ट सिग्नल का नहीं होगा उपयोग
आईसीसी ने इसी साल सॉफ्ट सिग्नल का नियम हटा दिया है. जून में आईसीसी ने इस नियम को हटा दिया था. हाल के समय में सॉफ्ट सिग्नल नियम को लेकर काफी विवाद हुआ था. दरअसल, आईसीसी के इस नियम के अनुसार मैदान पर मौजूद अंपायर अपने फैसले के लिए थर्ड अंपायर से मदद ले सकता था. यदि मैदानी अंपायर को लगता था कि कैच या LBW के फैसले में किसी तरह का संदेह है तो अंपायर इस फैसले को थर्ड अंपायर के पास भेजता है. इसके अलावा मैदानी अंपायर को थर्ड अंपायर को अपना फैसला भी बताना होता था. अब वीडियो फुटेज में पर्याप्त सबूत नहीं मिल पाते थे तो फिर मैदानी अंपायर्स के फैसले को ही सर्वमान्य माना जाता है. इस प्रक्रिया को सॉफ्ट सिग्नल नियम के नाम से जाना जाता था. अब ऐसे मामले में थर्ड अंपायर का ही फैसला सर्वमान्य होगा।
इस बार मैच टाई होने पर क्या होगा
इस बार आईसीसी ने यह फैसला किया है कि, यदि कोई मैच टाई होगा तो उसका फैसला सुपरओवर से किया जाएगा. और यदि सुपर ओवर भी टाई हुआ तो तब-तब सुपरओवर खेला जाएगा, जब तक कि मैच का परिणाम न आ जाए।
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