नई दिल्ली । आरएसएस के सर संघचालक (RSS chief)मोहन भागवत(mohan bhagwat) ने कहा कि श्मशान, (crematorium)मंदिर(Temple) और पानी सब हिंदुओं (Hindus)के लिए एक होना चाहिए। इसी लक्ष्य के साथ संघ कार्य कर रहा है। काशी (वाराणसी) से एकता का आह्रवान करते हुए उन्होंने कहा कि हिंदू समाज के सभी पंथ, जाति, समुदाय साथ आएं, यही संघ की परिकल्पना है।
संघ प्रमुख शुक्रवार को आईआईटी बीएचयू के जिमखाना मैदान में लगी सायं शाखा में पहुंचे। एक घंटे की शाखा के कार्यक्रमों में शामिल हुए। स्वयंसेवकों को संबोधन के दौरान उनकी जिज्ञासाएं शांत कीं। उन्हें आरएसएस के गठन का उद्देश्य बताया। मोहन भागवत ने कहा कि संघ का उद्देश्य हिंदू समाज को संगठित करना है। आईआईटी बीएचयू के एक शोध छात्र ने उनसे पूछा कि संघ सौ वर्ष का होने जा रहा है, शताब्दी वर्ष में संघ क्या कार्य करेगा। संघ प्रमुख ने जवाब दिया कि आरएसएस सौ साल से जो कार्य कर रहा है, वही आगे भी करेगा। एक स्वयंसेवक के मुताबिक, आरएसएस प्रमुख ने भारतीय संस्कृति, भारतीय मूल्यों की रक्षा और इसके आदर्शों के प्रसार पर जोर दिया। उन्होंने कुछ छात्रों से यह भी जानने की कोशिश की कि वे इन मुद्दों पर क्या सोचते हैं। बाद में उन्होंने संस्थान के कुछ प्रोफेसरों से भी बातचीत की।
इससे पहले मोहन भावगत ने संघ-स्थान पर ध्वज प्रणाम किया। वह शाम 5:30 बजे संघ-स्थान पहुंचे। शाखा शुरू होने के बाद करीब पौन घंटे तक उन्होंने स्वयंसेवकों के विभिन्न खेल देखे, दिशानिर्देश भी दिए। मोहन भागवत ने मैदान में भ्रमण के दौरान स्वयंसेवकों की गतिविधियां देखीं। भागवत ने बीएचयू में लगभग छह दशक पुरानी एक परंपरा पुनर्जीवित की। वह तीसरे संघ प्रमुख हैं, जिनका बीएचयू के छात्रों के बीच कार्यक्रम हुआ है। इस अवसर पर विभाग सह संघचालक डॉ. रामेश्वर चौरसिया, क्षेत्र प्रचारक अनिल कुमार और प्रांत प्रचारक रमेश कुमार मौजूद थे।
शाखा शुरू होने के बाद भागवत ने करीब 45 मिनट तक आरएसएस स्वयंसेवकों के विभिन्न खेलों को देखा और दिशा-निर्देश भी दिए। इससे पहले दिन में संघ प्रमुख की मौजूदगी में काशी क्षेत्र के शीर्ष संघ पदाधिकारियों की बैठक में संगठन के शताब्दी वर्ष में घर-घर संपर्क अभियान, हिंदू सम्मेलन समेत विभिन्न कार्यक्रमों को लागू करने की रणनीति पर चर्चा की गई। काशी क्षेत्र के एक वरिष्ठ आरएसएस पदाधिकारी ने बताया कि संघ ने शताब्दी वर्ष समारोह के तहत काशी क्षेत्र में 1.25 लाख नए स्वयंसेवक बनाने का लक्ष्य रखा है।
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