गांधी नगर से एमआर-10 तक प्राधिकरण को मिली जिम्मेदारी
इंदौर। 32 किलोमीटर का जो इंदौर मेट्रो (metro ) का पहला चरण इन दिनों अमल में लाया जा रहा है उसमें अभी गांधी नगर (Gandhi Nagar) से सुपर कॉरिडोर (super corridor), एमआर-10 होते हुए विजय नगर, रे$डिसन चौराहा और रोबोट तक एलिवेटेड कॉरिडोर (elevated corridor) का काम चल रहा है। वहीं जिन क्षेत्रों में लाइन बिछाने से लेकर अन्य कार्य पूर्ण हो गए हैं वहां पर मेट्रो को सुरक्षा देने के लिए दोनों तरफ क्रेश बेरियर (Crash barrier) भी 4-4 फीट ऊंचाई के निर्मित कराए जा रहे हैं, जिसकी राशि मेट्रो कॉर्पोरेशन (Metro Corporation) द्वारा ही खर्च की जाएगी। मगर निर्माण एजेंसी अलग-अलग रहेगी। अभी गांधी नगर से सुपर कॉरिडोर, एमआर-10 के लगभग 8 किलोमीटर के हिस्से में इंदौर विकास प्राधिकरण (IDA) ये क्रेश बेरियर बनवा रहा है जिस पर लगभग 8 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
मेट्रो में सफर करने की बेताबी इंदौरवासियों को बहुत है। हालांकि इसमें अभी समय लगेगा, क्योंकि 32 किलोमीटर का पूरा प्रोजेक्ट तो 2026 अंत तक पूर्ण करना है। मगर प्रयास यह किए जा रहे हैं कि गांधी नगर से रोबोट तक सालभर में व्यवसायिक संचालन किया जा सके। वैसे भी साढ़े 5 किलोमीटर का प्रायोरिटी कॉरिडोर लगभग तैयार है, जहां पर तत्कालीन मुख्यमंत्री द्वारा ट्रायल रन भी लिया गया था। हालांकि एयरपोर्ट से गांधी नगर तक के हिस्से पर अभी काम शुरू होना है। जब तक यह हिस्सा पूरा नहीं होगा तब तक इस ट्रैक पर भी अधिक यात्री नहीं मिलेंगे। दरअसल मेट्रो प्रोजेक्ट को अलग-अलग हिस्सों में तैयार किया जा रहा है। सबसे पहले गांधी नगर से लेकर एमआर-10, विजय नगर और रोबोट चौराहा तक एलिवेटेड कॉरिडोर तैयार हो रहा है। इन दिनों रेडिसन से रोबोट के बीच तेज गति से काम चल रहा है। दूसरी तरफ जिन हिस्सों में काम पूरा हो चुका है वहां पर क्रेश बेरियर भी बनवाए जा रहे हैं। दरअसल ये क्रेश बेरियर इसलिए निर्मित हो रहे हैं ताकि भविष्य में कोई बड़ा भारी वाहन मेट्रो ट्रेन के पिलरों से न टकरा जाए जिससे हादसा होने का अंदेशा भी हो। इसके चलते दोनों तरफ 4-4 फीट ऊंचाई के ये क्रेश बेरियर बनवाए जा रहे हैं, जिनके बीच में ग्रीन बेल्ट विकसित किया जाएगा। जिस तरह सडक़ों पर सेंट्रल डिवाइडर में हरियाली विकसित की जाती है या नेशनल हाईवे पर ग्रीन बेल्ट बनाए जाते हैं, उसी तरह पूरे मेट्रो ट्रैक के नीचे ग्रीन बेल्ट इन क्रेश बेरियरों के बीच में विकसित होगा। जब इसका काम पूरा हो जाएगा तब बीच में मिट्टी भर आकर्षक फूल पौधे मेट्रो कम्पनी द्वारा लगाए जाएंगे और फिर उनका लगातार रख-रखाव भी होगा। अभी गांधी नगर से रेडिसन चौराहा और रोबोट तक 17 किलोमीटर का एलिवेटेड कॉरिडोर बन रहा है।
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