इंदौर। बुनकरों को देश-दुनिया के सामने लाने के लिए केंद्र सरकार के वस्त्र मंत्रालय की एक योजना पर पर्यटन विभाग की कोशिशों ने रंग लाना शुरू कर दिया है। इससे गांव के बुनकरों को अपनी कला को सीधे पर्यटकों को दिखाने का मौका मिलेगा। चंदेरी के प्राणपुर में ‘क्राफ्ट हैंडलूम टूरिज्म विलेज’ के तहत वहां के घरों पर चित्रकारी का काम शुरू हो गया है। प्राणपुर में ही एक ओपन थिएटर भी बनाए जाने की तैयारी है।
चंदेरी से 5 किलोमीटर दूर बसे बुनकरों का ये गांव हथकरघा उद्योग के लिए मशहूर है। बुनकरों के कामों को लोगों तक, देश-दुनिया में पहुंचाने के लिए ये प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि लोग सीधे यहां आकर इन बुनकरों से इस कला को जानें, समझें, सीखें और सीधे खरीद सकें। प्राणपुर में ‘क्राफ्ट हैंडलूम टूरिज्म विलेज’ डेवलप करने का मकसद पर्यटकों को क्राफ्ट आधारित पर्यटन स्थल पर लाना है। इससे यहां के करीब 200 बुनकर परिवारों को फायदा होगा। सरकार ने इस प्रोजेक्ट के लिए 7.45 करोड़ रुपए स्वीकृत किए हैं। पर्यटन विभाग यहां काम कर रहा है, जिसके तहत पाथ-वे बनाए जा चुके हैं। थिएटर और गार्डन भी बनाए जाएंगे। फिलहाल यहां सौंदर्यीकरण (बुनकरों से जुड़ी पेंटिंग) का काम चल रहा है, जिसमें प्राणपुर के इन घरों में उज्जैन अवंतिका विश्वविद्यालय के 40 छात्र जुटे हैं। यहां वे तीन थीम पर घरों पर पेंटिंग का काम कर रहे हैं। चंदेरी साड़ी के अलावा यहां की ऐतिहासिक इमारतों और इतिहास को आधार बनाया जा रहा है। मुख्य सडक़ पर होर्डिंग के साथ यहां आने वाले पर्यटकों की सुविधा के लिए कैफेटेरिया, रेस्ट रूम, बैठक व्यवस्था के साथ ही पार्किंग की भी व्यवस्था की जाएगी।
महेश्वर और बाग को लेकर भी तैयार किए गए हैं प्रस्ताव
प्राणपुर के अलावा महेश्वर से 3 किलोमीटर दूर खारिया और केरियाखेड़ी गांव में भी ‘टेक्सटाइल टूरिज्म’ डेवलप करने का प्रस्ताव तैयार कर केंद्र सरकार के वस्त्र मंत्रालय को भेजा गया है। इसी के साथ बाग प्रिंट को भी पहचान दिलाने के लिए प्रस्ताव भेजा गया है। जानकारी के अनुसार महेश्वर में टेक्सटाइल टूरिज्म (हेरिटेज हैंडलूम सिटी) के लिए 12 से 14 करोड़ रुपए का प्रस्ताव भेजा गया है।
‘प्राणपुर जल्द ही ‘क्राफ्ट हैंडलूम टूरिज्म विलेज’ के रूप में डेवलप होकर हम सबके सामने होगा। यहां एक साथ कई काम शुरू किए जा चुके हैं और जल्द ही काम खत्म हो भी जाएंगे। चंदेरी न केवल पर्यटन स्थल के रूप में, बल्कि कला के कारण भी एक अलग स्थान रखता है और ‘क्राफ्ट हैंडलूम टूरिज्म विलेज’ डेवलप होने के बाद बुनकरों को सीधा और ज्यादा फायदा मिलेगा।’
– विवेक श्रोत्रिय, अपर प्रबंध संचालक,
मप्र पर्यटन बोर्ड
बुनकरों की यह कला है काफी मशहूर
प्रदेश की चंदेरी, महेश्वरी के साथ ही बाग प्रिंट कला काफी मशहूर है। देश ही नहीं दुनिया में ये कलाएं अपनी एक अलग पहचान रखती है। प्रदेश सरकार के साथ ही केंद्र सरकार की अनेक योजनाओं से अब इन कलाओं से लोगों को सीधे जुडऩे का मौका दिया जा रहा है, ताकि बुनकरों को सीधा लाभ मिल सके। देश के साथ-साथ विदेशो में भी यह कला अपनी अलग ही पहचान रखती है ।
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