जोशीमठ (Joshimath) । जोशीमठ (Joshimath) में लगातार बढ़ रहे भू-धंसाव से (Due to Steadily Increasing Landslides) यहां जांच करने आए (Came here to Investigate) वैज्ञानिक भी (Even the Scientists) अब सुरक्षित नही हैं (Are Not Safe Now) । जिस जीएमवीएन के गेस्ट हाउस में वैज्ञानिक रुके थे, उसमें दरारें आ गई हैं।
यह गेस्ट हाउस भी अब भू-धंसाव की जद में आ गया है। जोशीमठ में जांच के लिए आने वाले वैज्ञानिकों और अफसरों को गांधी मैदान के पास जीएमवीएन के वीआईपी गेस्ट हाउस में ठहराया गया था। जबकि दूसरी ओर नृसिंह मंदिर परिसर स्थित आदिगुरू शंकराचार्य के गद्दीस्थल व मठ की दरारें बढ़ रही हैं। साथ ही नृसिंह मंदिर परिसर का एक हिस्सा धंस रहा है।
शीतकाल में आदिगुरू शंकराचार्य की गद्दी नृसिंह मंदिर परिसर स्थित आदिगुरू शंकराचार्य गद्दीथल में रहती है। यहां समिति द्वारा नियमित रूप से पूजा-पाठ व यज्ञ-हवन किया जाता है, लेकिन यह धार्मिक क्षेत्र भी भूधंसाव की चपेट में आ रहा है, जिससे यहां गद्दीस्थल की बाहरी व अंदर की दीवारों पर दरारें पड़ रही हैं।
कई दरारों का आकार तेजी से बढ़ रहा है। साथ ही नृसिंह मंदिर परिसर के एक हिस्से में भूधंसाव हो रहा है। इन धार्मिक स्थलों की सुरक्षा को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। बीते दिनों मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी जोशीमठ के स्थलीय निरीक्षण के दौरान आदिगुरू शंकराचार्य गद्दीस्थल व नृसिंह मंदिर परिसर का जायजा लिया था। उन्होंने कहा था कि इन धार्मिक धरोहरों के संरक्षण के लिए उचित इंतजाम किए जाएंगे। लेकिन अभी तक यहां सुरक्षा के कोई इंतजाम होते नजर नहीं आ रहे हैं। मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय का कहना है कि दरारें नई नहीं हैं। साथ ही समिति पूरी स्थिति पर नजर रखे हुए है। किसी भी स्तर पर खतरे की कोई बात नहीं है।
वहीं, नृसिंह मंदिर में मौजूद भगवान बदरीनाथ के खजाना को अन्यत्र शिफ्ट नहीं किया जाएगा। मंदिर व अन्य परिसंपत्तिया अभी तक पूरी तरह से सुरक्षित है। श्रीबदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति का कहना है कि वह हालातों पर पूरी नजर रखे हुए हैं। बीकेटीसी के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया कि दरारों से प्रभावित जोशीमठ में स्थिति काफी नाजुक है लेकिन नृसिंह मंदिर सुरक्षित है।
भगवान बदरीनाथ का खजाना अन्यत्र शिफ्ट करने की अभी कोई योजना नहीं है। उन्होंने बताया कि स्थानीय हालातों की प्रत्येक दिन की जानकारी प्राप्त की जा रही है। अगर, जोशीमठ की स्थिति बहुत ज्यादा गंभीर हुई तभी खजाना को अन्यत्र शिफ्ट किया जाएगा। खजाना को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट करने को लेकर समिति को पांडुकेश्वर से भी प्रस्ताव मिला है।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved