नई दिल्ली (New Delhi)। अगर कोई मुंबई (Mumbai) जाता है तो अरब सागर के तट (Arabian Sea Coast) पर स्थित गेटवे ऑफ इंडिया (Gateway of India) को देखने जरूर जाता है।113 वर्षों से यह समुद्र की लहरों और तूफानों का सामना करते हुए आज भी मजबूती से खड़ा है। वहीं सोमवार को केंद्रीय संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी (Union Culture Minister G Kishan Reddy) ने लोकसभा में बताया कि गेटवे ऑफ इंडिया के निरीक्षण के दौरान सतह पर कुछ दरारें (Few cracks found on surface) पाई गईं हैं लेकिन समग्र ढांचा संरक्षण की अच्छी स्थिति में पाया गया है।
लोकसभा में केंद्रीय मंत्री से सवाल किया कि क्या हाल ही में गेटवे ऑफ इंडिया के स्ट्रक्चरल ऑडिट में सामने के हिस्से में दरार का पता चला है… तो इस पर मंत्री ने जवाब दिया कि गेटवे ऑफ इंडिया, मुंबई, एक केंद्रीय संरक्षित स्मारक नहीं है। यह पुरातत्व और संग्रहालय विभाग, महाराष्ट्र सरकार के संरक्षण में है। निरीक्षण के दौरान सतह पर कुछ दरारें पाई गईं लेकिन यह संरक्षण की अच्छी स्थिति में है।
आगे मंत्री से पूछा गया कि उनको इसके संबंध में कोई रिपोर्ट सौंपी गई है तो किशन रेड्डी ने जवाब दिया कि इस संबंध में केंद्र सरकार को कोई रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की गई है। पुरातत्व और संग्रहालय विभाग ने एक विस्तृत साइट प्रबंधन योजना तैयार की है और “गेटवे ऑफ इंडिया के संरक्षण और मरम्मत के लिए 8,98,29,574 रुपये की राशि का अनुमान लगाया है। उन्होंने कहा, पर्यटन और सांस्कृतिक मामलों के विभाग, महाराष्ट्र सरकार ने 10 मार्च को इसे मंजूरी दे दी है।
गेटवे ऑफ इंडिया का स्ट्रक्चरल ऑडिट हाल ही में किया गया था। वहीं ऑडिट के मुताबिक बिल्डिंग के अग्रभाग में दरारें देखी गई थीं। बिल्डिंग पर कई जगहों पर पौधे भी उगते देखे गए। वहीं, गुंबद में लगी वॉटरप्रूफिंग और सीमेंट कंक्रीट को भी नुकसान पहुंचा है। उसके बाद राज्य पुरातत्व और स्थापत्य निदेशालय ने जीर्णोद्धार के लिए शासन को 6.9 करोड़ का प्रस्ताव सौंपा है।
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