नई दिल्ली। सीपीएम (CPM) ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में याचिका दायर दर इलेक्टोरल बांड की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिका पर जल्द सुनवाई की मांग की है। याचिका में कहा गया है कि हर मतदाता को ये अधिकार है कि राजनीतिक दलों की फंडिंग का स्रोत जान सके।
सीपीएम की ओर से वकील शादान फरासत ने याचिका दायर कर कहा है कि सुप्रीम कोर्ट जुलाई महीने से ज्यादा केस की सुनवाई शुरू कर चुका है। ऐसे में इस मामले पर भी जुलाई या अगस्त में सुनवाई की जाए। उल्लेखनीय कि पिछले 26 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने विधानसभा चुनावों के दौरान इलेक्टोरल बांड की बिक्री पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।
सीपीएम के अलावा एक याचिका एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (एडीआर) नामक एनजीओ ने दायर किया है। एडीआर की ओर से कहा गया है कि इलेक्टोरल बांड का सरकार ने दुरुपयोग किया है। इससे काले धन को बढ़ावा मिल रहा है। याचिका में इलेक्टोरल बांड स्कीम 2018 पर रोक लगाने की मांग की गई थी। उल्लेखनीय है कि 2019 के आम चुनावों के पहले इलेक्टोरल बांड पर रोक लगाने के लिए दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सभी राजनीतिक दलों को निर्देश दिया था कि वे इलेक्टोरल बांड के जरिये मिले चंदे की जानकारी निर्वाचन आयोग को दें। (एजेंसी, हि.स.)
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