भोपाल। राज्यसभा में विपक्ष के विरोध के बीच पारित कृषि संबंधी विधेयकों के विरोध में किसान संगठनों के साझा मंच की ओर से आगामी 25 सितम्बर के भारत बंद का ऐलान किया है। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने इस भारत बंद का समर्थन किया है।
माकपा के राज्य सचिव जसविंदर ने सोमवार को पार्टी की ओर से जारी अपने बयान में कहा है कि राज्यसभा में विपक्ष के विरोध के बावजूद पारित किए गए किसान विरोधी बिलों का उनकी पार्टी विरोध करती है और देशभर में चल रहे किसान संघर्षों का समर्थन करती है।
उन्होंने अपने बयान में कहा है कि नरेंद्र मोदी सरकार की छह साल की किसान विरोधी नीतियों के चलते कृषि और किसानों का संकट और विकराल हुआ है। कोरोना काल में जब किसान और गहरे आर्थिक संकट में फंस गए हैं, तब नरेंद्र मोदी सरकार ने इन किसान विरोधी बिलों को लाकर और राज्यसभा में बिना मतविभाजन के अलोकतांत्रिक तरीके से पारित करा दिया। कारपोरेट कंपनियों के मुनाफों की खातिर हमारे कृषि क्षेत्र से किसानों को बेदखल कर यह सरकार खेती और खेत भी कारपोरेट को सौंप देना चाहती है। सरकार के इस आचरण से साबित हो गया है कि यह सरकार किसानों की नहीं कोरपोरेट घरानों की सरकार है।
माकपा ने सरकार के तानाशाही आचरण और किसान विरोधी बिलों के विरोध में देश भर में चल रहे आंदोलनों का समर्थन किया है। पार्टी ने किसान संगठनों के साझा मंच की ओर से 25 सितम्बर के भारत बंद का भी समर्थन करते हुए प्रदेशभर की इकाइयों को भारत बंद को सफल बनाने में सक्रिय भूमिका निभाने का आव्हान किया है।