गोंडाहूर: छत्तीसगढ़ के गोंडाहूर में अजीबोगरीब मामला सामने आया है. यहां के गांव में पागल कुत्ते ने दो दुधारू गायों को काट लिया. करीब दो महीने बाद दोनों गायों की रैबीज के कारण मौत हो गई. इस बीच पशु पालक ने उन गायों के दूध को गांव में बेच दिया. जो दूध बेचा गया उसका गांव में हुई सत्यनारायण की कथा के बाद प्रसाद बनाकर बांटा गया. जब गायों की मौत हुई तो ग्रामीणों में डर बैठ गया. स्वास्थ विभाग की टीम ने गांव में कैंप लगाकर ग्रामीणों को रैबीज के इंजेक्शन लगाए.
ग्रामीणों के मुताबिक, पशु पालक को इसकी जानकारी थी. उसने गोपनीय तरीके से अस्पताल जाकर पहले ही रैबीज की वैक्सीन ले ली थी. घटना के बाद से गांव में दहशत का माहौल बन गया. ग्रामीणों में रैबीज फैलने का डर सताने लगा. हालांकि, स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने इससे किसी भी खतरे से मना किया है. उनके अनुसार, रैबीज की वैक्सीन एहतियात के तौर पर लगाई गई है. दूध पीने और उसकी मिठाई खाने से रैबीज के खतरे से मना किया है.
मामला पंखाजूर के विवेकानंद ग्राम पंचायत के गांव पीवी-4 का है. इस गांव में बड़े स्तर पर दूध डेयरी का काम किया जाता है. यहां के ग्रामीण अधिकतर पशु पालक हैं. घरों में दुधारू पशु नजर आते हैं. गांव के एक पशु पालक के पास दो दुधारू गाय थीं. दो महीने पहले इन गायों को गांव में एक पागल कुत्ते ने काट लिया. इसके बाद भी पशु पालक ने इन गायों का दूध रोज की तरह बेच दिया. दो महीने के बाद गायों में रैबीज फैलने से उनकी मौत हो गई. पशु पालक ने चुपचाप बगैर किसी को बताए अस्पताल जाकर रैबीज का इंजेक्शन लगवा लिया.
जिन गायों की मौत पागल कुत्ते के काटने से हुई थी, उनका दूध गांव में तीन बंगाली परिवार के घरों में हुई सत्यनारायण की कथा के समापन पर प्रसाद बनाने के काम लाया गया. गायों के दूध से मिठाई बनाई गई थी जिसे पूरे गांव में बांटी गई. उस प्रसाद को गांव के सभी ग्रामीणों ने खाया. जब उन्हें गायों की मौत और उसके कारणों की जानकारी मिली तो वह घबरा गए. मामला स्वास्थ्य विभाग तक पहुंचा. गांव में आनन-फानन में कैंप लगाया गया. यहां ग्रामीणों को रैबीज की वैक्सीन लगाई गई.
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