लखनऊ। कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव व उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने जनपद ललितपुर में गायों की मौत को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर निशाना साधा है।
प्रियंका वाड्रा ने सोमवार को पत्र में लिखा कि ललितपुर के सौजना से आई गोमाता के शवों की तस्वीरें देखकर मन विचलित हो गया है। अभी ये विवरण नहीं मिले हैं कि इन गायों की मौत किन परिस्थितियों में हुई है। लेकिन, तस्वीरों से लग रहा है कि चारा-पानी न मिलने की वजह से ही मौतें हुई हैं। देखकर लगता है कि कई दिनों की भूख और प्यास से धीरे-धीरे हुई पीड़ादायक मौतें हैं।
प्रियंका ने लिखा कि दुखद यह भी है कि यह इस तरह की पहली तस्वीर नहीं है। इससे पहले भी प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से ऐसी तस्वीरें आती रही हैं। हर बार इन पर कुछ देर के लिए चर्चा होती है। लेकिन, इन मासूम जानवरों की देखभाल के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए जाते। सवाल उठता है कि इसके लिए जिम्मेदार कौन है?
कांग्रेस महासचिव ने मुख्यमंत्री से कहा कि सत्ता में आने के समय आपने गोवंश की रक्षा और गौशालाएं बनवाने की बात की थी। लेकिन, वास्तविकता यही है कि इस संदर्भ में आपकी घोषणाओं के बावजूद सरकार के प्रयास पूरी तरह से विफल रहे हैं। गायों की भलाई के नाम पर गौवंश की दुर्दशा की जा रही है। गोशालाएं खोली गईं मगर सच यह है कि वहां गौवंश को चारा और पानी नहीं सिर्फ असंवेदनशीलता मिलती है। अफसर व गौशाला संचालक पूर्णतः भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। पूरे प्रदेश में हर दिन न जाने कितनी गायें भूखी प्यासी मर रही हैं।
प्रियंका ने पत्र में कहा है कि जहां गोशालाएं इस परिस्थिति में हैं, वहीं आवारा पशु की भी भयंकर समस्या है। किसान पूरी तरह से हलकान हैं। वे रात-रात भर जागकर अपनी फसलों की रक्षा कर रहे हैं। फसलों की रक्षा के लिए उन्हें हजारों रुपये खर्च कर खेतों की तारबंदी करवानी पड़ रही है।
प्रियंका ने महात्मा गांधी का जिक्र करते हुए कहा कि गांधीजी गाय को करुणा का काव्य मानते थे। यह करोड़ों भारतीयों की मां है। वह मानते थे कि गोरक्षा का अर्थ केवल गाय की रक्षा नहीं है बल्कि उन सभी जीवों की रक्षा है जो असहाय और दुर्बल हैं।
कांग्रेस महासचिव ने पत्र में छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार की योजना का हवाला देते हुए इसे बेहद अच्छा बताया है। उन्होंने कहा कि में वहां की सरकार ने इस मामले को ‘गोधन न्याय योजना’ लागू कर बहुत अच्छी तरह से सुलझाया है। शायद उनसे उत्तर प्रदेश सरकार प्रेरणा ले सकती है और गाय के प्रति हम सब अपनी सेवा भावना को कायम रख सकते हैं।
प्रियंका ने कहा कि हम ऐसी भीषण परिस्थितियों में गायों को जीने और मरने को मजबूर होने से बचा सकते हैं और अपने किसानों की वास्तविक मदद भी कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि गोधन न्याय योजना के तहत छत्तीसगढ़ सरकार ने दो रुपये किलो गोबर खरीदने की शुरुआत की है। अभी हर महीने औसतन 15 करोड़ रुपये का गोबर खरीदा जा रहा है। गोशालाओं के जरिए गोबर खरीदकर उसे वर्मी कंपोस्ट में परिवर्तित किया जा रहा है। वर्मी कंपोस्ट को आठ रुपये की दर से सरकारी एजेंसियों और निजी उपभोक्ताओं को भेजा जा रहा है। धीरे-धीरे आज गोशालाएं आत्मनिर्भर हो रही हैं।
उन्होंने कहा कि गोधन योजना से दो लाभ हो रहे हैं। एक तो गोबर बेचने के लिए लोग अपनी गायों को घर पर रखकर चारा खिला रहे हैं। इससे पशुओं के आवारा घूमने पर रोक लगी है। दूसरा ऐसे पशु जिनके मालिक नहीं है, गोशाला में रखे जा रहे हैं। योजना से लाभान्वित होने वालों में आधे से अधिक महिलाएं हैं और बड़ी संख्या में पिछड़े वर्ग के बेरोजगार हैं।
प्रियंका ने मुख्यमंत्री से कहा कि आप भी गोवंश की सुरक्षा और भलाई जाते हैं। इसलिए मैं आपको यह पत्र लिख रही हूं। ताकि हमारे प्रदेश में गोवंश के प्रति इस तरह का अत्याचार ना हो। उन्होंने कहा कि इन बातों से अवगत करना धार्मिक और नैतिक आधार पर उनकी जिम्मेदारी बनती है।
उधर इस प्रकरण के बाद जिला प्रशासन के वरिष्ठ अफसरों ने गोवंश आश्रय स्थल सोजना मंडी ब्लॉक महरौनी का निरीक्षण किया। अधिकारियों ने कहा कि गोशाला के अन्दर या बाहर आसपास कोई भी मृत गोवंश नहीं पाया गया। एक गोवंश की मृत्यु हो गयी थी जिसे शव विच्छेदन कर दफना दिया गया है। इस सम्बन्ध में वायरल वीडियो पूर्णतः असत्य है।
वहीं इसके बाद ललितपुर के जिलाधिकारी अन्नावि दिनेश कुमार ने भी सौजना गोशाला का निरीक्षण किया। उन्होंने कमजोर गोवंश को अलग रखने तथा अलाव तथा इलाज में कोई कोताही न बरतने के निर्देश दिए। वहीं निरीक्षण में अनियमितताएं मिलने पर ग्राम पंचायत अधिकारी, पशु चिकित्सा अधिकारी एवं लेखपाल निलम्बित कर दिया गया है। वहीं ग्राम प्रधान पर कार्यवाही के निर्देश दिए गए हैं।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved