जम्मू। कश्मीर संभाग (Kashmir Division) के बांदीपोरा (Bandipora) में आतंकियों (Terrorists) ने गैर-स्थानीय नागरिक पर फायरिंग की। इस हमले में नागरिक गोली लगने से घायल हो गया। जिसे अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उपचार के दौरान उसने दम तोड़ दिया। कश्मीर जोन पुलिस ने बताया कि देर रात आतंकियों ने बांदीपोरा के सोदनारा सुंबल में बिहार निवासी मजदूर मोहम्मद अमरेज (Bihar resident laborer Mohammad Amrej) पर फायरिंग की। वह गोली लगने से घायल हो गया। इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। हमलावरों की तलाश में सुरक्षाबलों की संयुक्त टीम तलाशी अभियान चला रही है।
रात करीब 12.20 बजे हुई फायरिंग
मृतक के भाई का कहना है कि रात करीब 12.20 बजे मेरे भाई ने मुझे जगाया और कहा कि फायरिंग शुरू हो गई है। लेकिन अमरेज आसपास नहीं था। हम लोगों को लगा कि वह शौचालय गया है। तलाश करने उसे खून से लथपथ पाया। आनन-फानन हमने सुरक्षाकर्मियों से संपर्क किया। जिनकी मदद से भाई को अस्तपाल पहुंचाया, जहां उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई।
इससे पहले गुरुवार को आतंकियों ने जम्मू संभाग के राजोरी जिले में बड़े हमले को अंजाम देने की फिराक में थे। आतंकवादियों ने एक बार फिर उरी जैसे बड़े हमले की नापाक साजिश की, जिसे सेना के सतर्क जवानों ने नाकाम कर दिया। गुरुवार तड़के करीब दो बजे जब सेना के जवान कैंप में सो रहे थे तो दहशतगर्दों ने अंधेरे, खराब मौसम और घनी झाड़ियों की आड़ में आत्मघाती हमला कर ग्रेनेड फेंके और उसके बाद ताबड़तोड़ गोलीबारी शुरू कर दी। उनकी मंशा ज्यादा से ज्यादा जवानों को नुकसान पहुंचाने की थी।
सूत्रों के अनुसार, दो दिन पहले स्थानीय लोगों ने मारे गए इन दोनों दहशतगर्दों को दरहाल के बाजार में घूमते देखा था। बताया जा रहा है कि मंगलवार दोपहर को दो अनजान लोग सेना की वर्दी में हथियार उठाए बाजार में घूम रहे थे और दोनों ने कुछ सामान भी खरीदा था। लोगों को जब उनकी गतिविधियां संदिग्ध लगीं तो तुरंत पुलिस को सूचित किया गया था, जिसके बाद सेना और पुलिस ने दरहाल में और आसपास के कुछ इलाकों में तलाशी अभियान भी चलाया था, लेकिन इस दौरान दोनों आतंकवादी सेना या पुलिस के हत्थे नहीं चढ़े।
2004 में डीआईजी पुलिस पर हुआ था फिदायीन हमला
पाकिस्तान की ओर से ट्रेंड किए आतंकवादियों ने राजोरी में 2004 में तत्कालीन डीआईजी पुलिस एसएम सहाय पर भी फिदायीन हमला किया था। हमले में दो पुलिस जवान शहीद हुए। इस दौरान दो आतंकियों को मार गिराया था। तब डीआईजी राजोरी-पुंछ पुलिस रेंज के सरकारी कार्यालय में आतंकियों ने फिदायीन हमला कर उनकी कुर्सी को निशाना बनाते हुए ताबड़तोड़ फायरिंग की थी, लेकिन उस समय डीआईजी अपने कार्यालय में मौजूद नहीं थे।
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