लखनऊ । बरेली स्थित भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (IVRI Bareilly) के वरिष्ठ वैज्ञानिकों (Senior Scientists) ने एक शोध में पाया है कि (Found in a Research that) गोमूत्र (Cow Urine) एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुणों के साथ (With Antibacterial and Antifungal Properties) इंसानों के लिए वरदान है (Is A Boon for Humans) ।
वैज्ञानिकों की नौ सदस्यीय टीम द्वारा किए गए चार साल के लंबे अध्ययन ने पिछले दावे का खंडन किया कि गोमूत्र मनुष्यों के लिए खतरनाक है और इसमें दावा किया गया है कि गोमूत्र का अर्क चिकित्सा और औषधीय गुणों से भरपूर है। इस शोध में गाय की दो देशी नस्लों ‘साहीवाल’ और ‘थारपारकर’ के 14 मूत्र के नमूनों की तुलना संकर प्रजाति के नमूनों से की गई। नमूने साल भर में विभिन्न मौसमों के दौरान लिए गए थे। गायों के ताजा मूत्र में बैक्टीरिया के संदूषण की संभावना से बचने के लिए, अर्क का केंद्रित रूप में अध्ययन किया गया था।
आईवीआरआई के वैज्ञानिक रविकांत अग्रवाल ने कहा, जिन्होंने आठ अन्य वैज्ञानिकों के साथ 2018 में शुरू किए गए अध्ययन का नेतृत्व किया था। संस्थान के शोध के अनुसार, संकर नस्ल की गायों की तुलना में साहीवाल और थारपारकर नस्लों का मूत्र अत्यधिक जीवाणुरोधी पाया गया। ई. कोलाई, साल्मोनेला प्रजाति, स्यूडोमोनास, एरुगिनोसा और ग्राम पॉजिटिव बैक्टीरिया लिस्टेरिया मोनोसाइटोजेन्स, बैसिलस सेरेस, स्टैफिलोकोकस ऑरियस जैसे बैक्टीरिया के खिलाफ गोमूत्र का अर्क जीवाणुनाशक पाया गया। अग्रवाल ने कहा, शोध में यह भी पाया गया कि गोमूत्र के अर्क में यीस्ट के खिलाफ एंटिफंगल प्रभाव होता है।
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