नई दिल्ली: भारत में कोरोना वायरस का खतरा एक बार फिर से बढ़ता नजर आ रहा है. कई महीनों बाद कोविड के एक्टिव मामलों की संख्या 1700 के पार चली गई है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, भारत में बीते 24 घंटों में कोविड के 335 नए केस दर्ज किए गए और एक्टिव मरीजों की संख्या बढ़कर 1,701 हो गई है. देश में कोविड से मौतों का आंकड़ा भी बढ़ रहा है.
रविवार को पांच मरीजों की मौत कोविड से हुई है. इनमें से चार केरल से हैं और एक उत्तर प्रदेश का मरीज था. लगातार बढ़ते केस की वजह से खतरा नजर आ रहा है. चिंता की बात यह है कि देश में कोविड का नया सब वेरिएंट JN.1 रिपोर्ट किया गया है. इसी वेरिएंट की वजह से सिंगापुर में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं.
भारत में कोरोना के बढ़ते मामलों का एक कारण नए वेरिएंट जीएन.1 को भी बताया जा रहा है. इस वेरिएंट के मरीजों की पहचान के लिए केरल और आसपास के राज्यों में जीनोम सीक्वेंसिंग बढ़ा दी गई है. केरल में कुछ दिनों पहले 79 वर्षीय महिला में COVID-19 का सब वेरिएंट JN.1 का एक मामला पाया गया था. इसके बाद से केरल में कोरोना के मामलों मे कुछ इजाफा हुआ है. हालांकि ये ओमिक्रॉन का ही एक सब वेरिएंट है, लेकिन कई महीनों के बाद देश में कोई नया वेरिएंट आया है. ऐसे में एक्सपर्ट्स ने लोगों को अलर्ट रहने की सलाह दी है.
महामारी विशेषज्ञ बताते हैं कि कोरोना का वायरस खत्म नहीं हुआ है. वायरस खुद को जिंदा रखने के लिए अपने रूप में बदलाव करता रहता है. इसी वजह से नए -नए सब वेरिएंट सामने आते हैं. इस मौसम में सांस संबंधी बीमारियों के मामले बढ़ जाते हैं. कई तरह के वायरस और बैक्टीरिया एक्टिव हो जाते हैं. खांसी और छींकने के जरिए वायरस का ट्रांसमिशन हो जाता है. ऐसे में केस बढ़ जाते हैं. इन्फलूएंजा से संक्रमित मरीजों की संख्या भी बढ़ रही है. अस्पतालों में इनकी कोविड जांच भी हो रही है. कोविड टेस्ट बढ़ने से मामलों में इजाफा हो रहा है.
दुनिया के कई देशों में कोरोना के केस बढ़ रहे हैं. सिंगापुर में स्थिति ज्यादा खराब है. सिंगापुर में 3 से 9 दिसंबर के बीच 50 हजार से अधिक केस दर्ज किए गए थे. नए मामलों में इजाफा होने की वजह से अस्पतालों में भी मरीजों की संख्या बढ़ रही है. बताया जा रहा है कि सिंगापुर में भी जीएन.1 वेरिएंट की वजह से कोरोना के मामलों में इजाफा हो रहा है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी लोगों को अलर्ट रहने की सलाह दी है.
कोरोना के केस बढ़ रहे हैं. ऐसे में लोगों को सलाह है कि वह खुद की सेहत का ध्यान रखें और कोविड प्रोटोकॉल का पालन करें. जहां तक बात कोविड की वापसी की है तो कोविड से अब पहले जैसा खतरा नहीं है. फिलहाल जो मरीज मिल रहे हैं उनमें हल्के लक्षण हैं, लेकिन आने वाले दिनों में सतर्क रहने की जरूरत है. फिलहाल जेएन.1 वेरिएंट के मामलों पर नजर रखनी होगी. इससे संक्रमितों के लक्षण अगर बदलते हैं तो वायरस की रोकथाम के लिए कदम उठाने होंगे.
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