नई दिल्ली। कोरोना वायरस (corona virus) के संक्रमितों की संख्या (number of infected) देश में लगातार बढ़ (continues to increase in the country) रही है, लेकिन दूसरी ओर रोजाना कई मरीज रिकवर भी हो रहे हैं। रिकवर मरीजो (recover patients) में भी COVID-19 वायरस के हल्के या मध्यम लक्षण (mild or moderate symptoms) दिख सकते हैं और इनमें से कुछ लक्षण लंबे समय तक भी रह सकते हैं. रिसर्च से पता चला है कि जिन लोगों में कोविड के हल्के लक्षण थे, उन लोगों में भी रिकवरी के लंबे समय बाद भी लक्षण रहते हैं।
विशेषज्ञों ने दावा किया है कि COVID-19 वायरस का पता चलने के बाद भी लक्षण लगभग 4 सप्ताह से अधिक समय तक बने रह सकते हैं. यह बात ओमिक्रॉन वैरिएंट (Omicron Variants) पर भी लागू हो रही है, इसलिए डॉक्टरों ने इस वैरिएंट को हल्के में लेने की चेतावनी दी है।
क्या होता है लॉन्ग कोविड
कोविड-19 की नेगेटिव रिपोर्ट आने के बाद भी मरीजों में लंबे समय तक जो लक्षण दिखते हैं, इन लक्षणों के देर तक रहने को लॉन्ग कोविड कहा जाता है. वृद्ध और पहले से बीमार लोगों में COVID-19 के लक्षणों का अनुभव लंबे समय तक हो सकता है. लेकिन कई मामलों में युवाओं ने भी लॉन्ग कोविड की शिकायत की है।
लॉन्ग कोविड के लक्षणों में थकान, लगातार खांसी, सांस की तकलीफ, ब्रेन फॉग और एंग्जाइटी शामिल हैं। लॉन्ग कोविड से जूझ रहे लोगों के लिए उचित देखभाल और अच्छे खाने की सलाह दी जाती है।
महीनों तक बने रहते हैं COVID-19 के ये लक्षण
COVID-19 के मुख्य लक्षणों में से एक है- वो है गंध और स्वाद महूसस न होना. ज्यादातर लोग जो COVID-19 से संक्रमित होते हैं, उनमें नाक से फेफड़ों तक के रास्ते में संक्रमण होता है, जिससे गंध नहीं आती और मुंह का स्वाद भी चला जाता है।
अधिकांश लोग जो रिकवर हो जाते हैं उनमें गंध धीरे-धीरे वापस आने लगती है, लेकिन कई लोगों की गंध को महसूस करने की क्षमता लंबे समय तक वापस नहीं आती, जिसे पैरोस्मिया (Parosmia) कहा जाता है. पैरोस्मिया किसी भी संक्रमण से उबरने के बाद हो सकता है, इसमें व्यक्ति को किसी भी चीज की गंध आनी बंद हो जाती है या फिर गंध पहचानने की शक्ति कमजोर हो जाती है. रिसर्च के मुताबिक, यह भी COVID-19 के प्रभाव में से एक है।
जून 2021 की एक स्टडी के मुताबिक, लॉन्ग-कोविड से पीड़ित 1,299 लोगों में से 140 ने सूंघने की क्षमता में बदलाव की सूचना दी. और वहीं 140 में से 20 लोगों ने कहा कि उन्होंने सूंघने की क्षमता में सुधार महसूस किया है।
जीवन हो सकता है प्रभावित
पैरोस्मिया से पीड़ित किसी भी व्यक्ति की गंध लेने की क्षमता कमजोर हो जाती है, यानी कि जिस कॉफी की खुशबू आपकी तरो-ताजा महसूस कराती थी, वही कॉफी की खुशबू सड़े हुए कचरे, पेट्रोल या अम्लीय पदार्थों की तरह लग सकती है।
अब आप सोचिए कि इस तरह से जिन उत्पादों की खुशबू आपको अच्छी लगती थी, उनकी गंध इतनी बुरी हो जाए तो आपको कैसा महसूस होगा? रिसर्च में यह पाया गया है कि 49.3 प्रतिशत लोगों की गंध लेने की क्षमता में 3 महीने के भीतर सुधार हुआ है. शेष 50.7 प्रतिशत ने कहा कि उनका पैरोस्मिया 3 महीने से अधिक समय तक चला।
पैरोस्मिया किसी व्यक्ति के जीवन को गंभीर तरीके से भी प्रभावित कर सकता है. गंध ऐसी चीज है जो कि हमें आसपास की दुनिया से जोड़ती है. अब चाहे भोजन करने के समय हो या फिर गार्डन में फूलों की खुशबू हो. पैरोस्मिया के दौरान अच्छी खुशबू भी बुरी लगती है. कई लोगों ने बताया है कि स्वादिष्ट खाद्य पदार्थों की गंध, सुगंधित इत्र सभी की सभी अपनी मूल गंध खो देते हैं और इसके बजाय सड़ी हुई गंध आने लगती है, जिससे सब कुछ खराब लगता है।
गंध प्रशिक्षण है इलाज
जो पैरोस्मिया से पीड़ित हैं और जिनको किसी चीज की गंध नहीं आ रही है, वे गंध परीक्षण में शामिल हो सकते हैं. गंध परीक्षण खराब गंध वाले मरीजों के इलाज में काफी प्रभावी प्राकृतिक उपचार रहा है. इसमें सभी लोगों को 4 मजबूत गंध वाली चीजों को सूंघना होता है और इसमें हर गंध को कम से कम 20 सेकंड के लिए सूंघने की जरूरत होती है. इसके लिए आप डॉक्टर को इस बारे में जरूर बताएं, ताकि वह आपको टेस्ट में शामिल करे और उसके बारे में जानकारी देकर गंध वापिस लाने की कोशिश कर सके।
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