नई दिल्ली। भारत में कोरोना संक्रमण (Coronavirus Infection) की दर बताने वाली ‘आर-वैल्यू’ कम हो गई है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) मद्रास द्वारा किए गए अध्ययन में यह पता चला है की भारत में 14 जनवरी से 21 जनवरी के बीच कम होकर 1.57 रह गई है और यह अनुमान लगाया गया है कि देश में संक्रमण की तीसरी लहर (Corona third Wave in India) आने वाले 14 दिनों में चरम पर पर पहुंच जाएगी। गौरतलभ है कि ‘आर-वैल्यू’ बताती है कि एक व्यक्ति कितने लोगों को संक्रमित कर सकता है। यदि यह दर एक से नीचे चली जाती है तो यह माना जाता है कि वैश्विक महामारी समाप्त हो गई है।
बता दे कि, आईआईटी मद्रास (IIT Madras) द्वारा ‘पीटीआई-भाषा’ के साथ साझा किए गए विश्लेषण के अनुसार, 14 जनवरी से 21 जनवरी के बीच आर-वैल्यू 1.57 दर्ज की गई, जो सात से 13 जनवरी के बीच 2.2, एक से छह जनवरी के बीच चार और 25 दिसंबर से 31 दिसंबर के बीच 2.9 थी। आईआईटी मद्रास के गणित विभाग में सहायक प्रोफेसर डॉ. जयंत झा ने बताया कि मुंबई और कोलकाता (Mumbai, Kolkata) की आर-वैल्यू दर्शाती है कि वहां महामारी का चरम समाप्त हो गया है, जबकि दिल्ली और चेन्नई में यह अब भी एक के करीब है। ‘‘इसका कारण यह हो सकता है कि भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के नए दिशानिर्देशों के अनुसार संक्रमितों के संपर्क में आए लोगों का पता लगाने की अनिवार्यता समाप्त कर दी गई है और इसलिए पहले की तुलना में संक्रमण के कम मामले सामने आ रहे हैं।’’
झा ने आगे बताया कि उनके विश्लेषण के अनुसार, कोरोना वायरस का चरम छह फरवरी तक आगामी 14 दिन में आ जाएगा। इससे पहले पूर्वानुमान जताया गया था कि एक फरवरी से 15 फरवरी के बीच तीसरी लहर का चरम आएगा। जानकारी के लिए बता दे कि, भारत में रविवार को संक्रमण के 3,33,533 नए मामले सामने आने के बाद, संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 3,92,37,264 हो गई। तीसरी लहर का मुख्य कारण कोविड-19 का ओमीक्रोन स्वरूप माना जा रहा है।
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