नई दिल्ली: कोविड-19 (Covid-19) एंडेमिक (स्थानिक बीमारी) बनने के कगार पर है, लेकिन देश के वैज्ञानिक इसके हर नए वेरिएंट को लेकर कड़ी नजर रख रहे हैं. साथ ही सरकार भी हाई अलर्ट जारी रखेगी. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया (Mansukh Mandaviya) ने मंगलवार (20 जून) को ये बात कही है. साथ ही उन्होंने कोविड वैक्सीन के कारण हाल ही में हार्ट अटैक (Cardiac Arrest) के मामलों में बढ़ोतरी की खबरों को भी खारिज किया है.
मनसुख मांडविया ने कहा कि कोविड वैक्सीन से जुड़ी रिसर्च से लेकर इसे लगाए जाने तक की पूरी प्रक्रिया में सभी स्थापित अंतरराष्ट्रीय मानकों का पालन किया गया. विभिन्न भौतिक और सामान्य प्रक्रियाओं के कारण पहले वैक्सीन बनाने और अप्रूवल में ज्यादा समय लगता था, लेकिन अधिकारियों और वैज्ञानिकों ने इस बार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) सहित लेटेस्ट टेक्नोलॉजी का पूरा इस्तेमाल किया और इसलिए पूरी प्रक्रिया को तेजी से अंजाम दिया जा सका.
वैक्सीन से हार्ट अटैक के दावे को किया खारिज
दरअसल, मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि वैक्सीन के लिए जो अप्रूवल दिया गया वो लंबे समय तक के दुष्प्रभावों को ध्यान में रखे बिना जल्दबाजी में किया गया था और हाल ही में हार्ट अटैक के मामलों में जो बढ़ोतरी हुई है उसका कारण यही है. स्वास्थ्य मंत्री ने न्यूज़ एजेंसी पीटीआई से कहा कि मैं आपको बता दूं कि प्रधानमंत्री मोदी ने कोविड प्रबंधन से लेकर वैक्सीन रिसर्च और टीकाकरण अभियान के लिए अप्रूवल तक शुरू से ही सभी प्रक्रियाओं के लिए वैज्ञानिक तरीकों का पालन किया.
मनसुख मांडविया ने और क्या कहा?
मनसुख मांडविया ने कहा कि हमने महामारी से लड़ने के लिए वैज्ञानिक तरीकों का पालन किया. डेटा विश्लेषण अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार किया गया. भारत ने उन्हीं अंतरराष्ट्रीय मानकों का पालन किया, जिनका पालन वैश्विक कंपनियां करती हैं. केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री के रूप में मनसुख मांडविया के पास फार्मास्युटिकल विभाग का प्रभार भी है, जिसे उन्होंने काफी लंबे समय तक संभाला है.
मंत्री ने बताया वैक्सीन को जल्दी मंजूरी क्यों मिली
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि ये सब वास्तव में भारत में बहुत तेजी से हुआ, लेकिन गति पर सवाल उठाने वालों को ये समझना चाहिए कि मंजूरी जल्दी क्यों मिली. उन्होंने कहा कि पहले डेटा इकट्ठा किया जाता था, उसका विश्लेषण होता था और भी बहुत सारी प्रक्रियाएं होती थीं, जिसमें काफी समय लगता था, लेकिन अब वक्त बदल गया है. आज हमारे पास आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डिजिटल टेक्नोलॉजी है, जिससे हम काम में तेजी ला सकते हैं.
आईसीएमआर ने भी की स्टडी
इसी बीच इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने कार्डियक अरेस्ट के कारण होने वाली मौतों में अचानक बढ़ोतरी और कोविड-19 वैक्सीन के बीच संभावित लिंक को लेकर स्टडी की है जो अगले दो हफ्तों में सामने आ सकती है. मनीकंट्रोल ने आईसीएमआर के महानिदेशक राजीव बहल का हवाला देते ये जानकारी दी. रिपोर्ट में कहा गया है कि हार्ट अटैक और कोविड वैक्सीन में लिंक का पता लगाने के लिए शोधकर्ताओं ने चार अलग-अलग अध्ययन किए हैं.
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