• img-fluid

    बच्चों के प्रति अपराधों में अदालतें सख्त, अब तक आधा दर्जन सजा-ए-मौत से नपे

  • February 07, 2023

    इंदौर, बजरंग कचोलिया। मिनी मुंबई (Mini Mumbai) यानी इंदौर (Indore) में लाइफ स्टाइल चेंज हुई तो बच्चों के साथ अपराधों की संख्या व क्रूरता के तौर- तरीके भी बढ़ गए, जिसके चलते बच्चों के प्रति अपराधों में अब अदालतें सख्त रवैया अपना रही हैं। अब तक आधा दर्जन मुजरिम सजा-ए-मौत यानी मृत्युदंड की सजा से नप चुके हैं। पांच साल के भीतर लगातार तीन साल तक पहले सेशन कोर्ट ने मृत्युदंड जैसा कड़ा दंड दिया। वर्ष 2020 में आखिरी बार फांसी की सजा सुनाई गई थी। दो साल के ब्रेक के बाद अब फिर कोर्ट ने काफी सख्ती दिखाई और सात साल की बच्ची से दुष्कर्म कर हत्या करने वाले सद्दाम को फांसी की सजा ठोंक दी।
    मिली जानकारी के अनुसार बच्चों के प्रति दिनोंदिन बढ़ रहे अपराधों को लेकर हाल के वर्षों में देशभर में अदालतों का रूख सख्त रहा है। इंदौर ने इस रूख को बरकरार रखा है। अकेले इंदौर में ही करीब आधा दर्जन से ज्यादा मामलों में फांसी की सजा सुनाई गई है।

    दो साल के ब्रेक के बाद फिर शुरू हुआ फांसी की सजा का सिलसिला…

    – वर्ष 2018- वर्ष 2018 में राजबाड़ा में एक मासूम के साथ बलात्कार और फिर उसकी हत्या के मामले में जज वर्षा शर्मा ने 12 मई 2018 को दरिंदे नवीन उर्फ अजय गडक़े को सजा-ए- मौत की सजा से दंडित किया था। पुलिस ने मामले में 7 दिन में चालान पेश किया था। नतीजतन 22वें दिन ही सेशन कोर्ट से फैसला आ गया था।


    – वर्ष 2019- वर्ष 2018 में ही दीपावली के पहले द्वारकापुरी थाना क्षेत्र से हनी अटवाल ने बालिका का अपहरण कर उसके साथ बलात्कार किया था और फिर उसकी हत्या कर लाश एमजी रोड थाने के सामने बोगदे में फेंक दी थी। यह मामला जघन्य हत्याकांड में शामिल था, जिसका शीघ्रता से निपटारा किया जाना है, किंतु डीएनए रिपोर्ट में देरी होने से हनी के खिलाफ केस चलने में देरी हुई। बाद में केस चला तो सरकार ने मामले में मृतका के मां-बाप सहित 34 गवाहों के बयान कराए थे। अपर सत्र न्यायाधीश सवितासिंह के न्यायालय ने 30 सितंबर 2019 को हनी को फांसी की सजा सुनाई। हालांकि यह सजा हाईकोर्ट में टिक नहीं पाई और बाद में हाईकोर्ट ने फांसी की सजा को आजीवन कारावास में तब्दील कर दिया।

    – वर्ष 2020- इसी तरह 1 दिसंबर 2019 की रात महू में सांई मंदिर के फुटपाथ किनारे अपने माता-पिता के साथ सो रही बालिका को कोई अज्ञात बदमाश उठा ले गया। अगले दिन उसकी लाश प्रशांति अस्पताल के पीछे बने खंडहर में दिखी तो घटना की जानकारी लगते ही लोग भडक़ उठे थे। मुजरिम अंकित विजयवर्गीय की वकीलों ने पैरवी तक से इनकार कर दिया था। विशेष न्यायाधीश वर्षा शर्मा ने उसे 24 फरवरी 2020 को बलात्कार, अपहरण, हत्या, सबूत मिटाने व बच्चों से लैंगिक अपराध के मामले में आधा दर्जन से ज्यादा धाराओं में दो बार फांसी की सजा सुनाई थी। इसके बाद अब सद्दाम को सजा-ए-मौत यानी फांसी की सजा से दंडित किया गया है।

    2015 से 2017 तक किसी को नहीं मिली थी फांसी की सजा
    बताया जाता है कि वर्ष 2018 के पहले वर्ष 2015 से 2017 तक लगातार तीन साल ऐसे भी गुजरे, जिसमें किसी भी जुर्म में किसी भी अपराधी को फांसी की सजा नहीं सुनाई गई, यानी इन सालों में भी अदालत को कोई मामला ऐसा नहीं लगा था, जिसमें मृत्युदंड से किसी अपराधी को दंडित किया जा सके। इसके पहले वर्ष 2012 में भी ऐसे हालात बने थे।

    नानी की आंखों-देखी से नपा मुजरिम सद्दाम
    आजादनगर में सात साल की मासूम को अगवा कर उससे जबरदस्ती करके बेरहमी से हत्या करने वाला सद्दाम मृतका की नानी की आंखों-देखी घटना के कारण फांसी की सजा से नप गया। नानी ने बयान दिया था कि उसकी नवासी को सद्दाम उठा ले गया और उसने सद्दाम को उसकी नवासी को चाकू से मारते देखा था। सद्दाम इस चश्मदीद गवाह का कोई तोड़ नहीं निकाल पाया था और यह साबित करने में नाकाम रहा कि उसे झूठा फंसाया गया है तो जज सुरेखा मिश्रा ने कल उसे तीन धाराओं में दोषी करार देते हुए उसकी सजा-ए-मौत का ऐलान किया।

    Share:

    एबी रोड एलिवेटेड ब्रिज में फंसा बड़ा पेंच, पिलर बदलेंगे तो टेंडर निरस्त

    Tue Feb 7 , 2023
    अब सीएम के दरबार में देंगे दस्तक, ब्रिज के पिलर मेट्रो की क्षमता लायक बनाने को लेकर नहीं बन रही सहमति इंदौर (Indore), अमित जलधारी। शहरी एबी रोड (बीआरटीएस कॉरिडोर) पर एमआर-9 चौराहे से नौलखा के आगे तक प्रस्तावित एलिवेटेड ब्रिज (proposed elevated bridge) को लेकर नया पेंच फंस गया है। ब्रिज के पिलर मेट्रो […]
    सम्बंधित ख़बरें
  • खरी-खरी
    रविवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives
  • ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved