भोपाल। रातीबढ़ थाना इलाके में स्थित तालाब में पिछले दिनों युवक की लाश मिली थी। उसकी मौत संदिग्ध हालातों में हुई थी। पुलिस ने शव को बरामद कर पोस्टमार्टम कराया और मर्ग कायम कर जांच शुरु की। मर्ग जांच के बाद में पुलिस ने मृतक के तीन दोस्तों के खिलाफ 304 ए और 34 का प्रकरण दर्ज किया था। वहीं मृतक के परिजनों का आरोप है कि लड़के की हत्या की गई थी। लूट के इरादे से वारदात को अंजाम दिया गया था। मौत के समय उसके पास में साठ से सत्तर हजार रुपए केश रखे थे। मौत से पूर्व उसने हत्या की साजिश किए जाने की बात कॉल कर पिता को बताई थी। इसकी कॉल रिकार्डिंग को पुलिस ने जांच में शामिल नहीं किया, जबकि न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी निमिष राजा की कोर्ट इसी रिकार्डिंग को आधार मानते हुए रातीबढ़ पुलिस को फटकार लगाई और चालान को लौटा दिया है।
भटकता रहा पिता
फरियादी ने कई अधिकारियों को उच्च अधिकारियों को व सीएम हाउस में उचित कार्रवाई के लिए निवेदन व आवेदन करते रहे लेकिन फरियादी को अनसुना कर लूट और हत्या का मामला ना रजिस्टर रातीबड़ पुलिस ने स्वेच्छा से मृत्यु कारित करने का केस रजिस्टर किया और चालान कोर्ट में पेश किया। जब आपत्ति के न्यायालय के समक्ष यह जानकारी प्रस्तुत होते ही की फरियादीगण की बात न सुनते हुए और मुख्य एविडेंस रिकॉर्ड पर न लेकर उक्त चालान पेश किया गया है न्यायालय ने न्यायिक कार्रवाई करते हुए 15 सितंबर को उक्त चालान को रिजेक्ट कर रातीबड़ थाना वापस भेजा गया।
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