उज्जैन। मिलेट्री ट्रायल को लेकर बुने गए नाटक कोर्ट मार्शल में समाज में फैले ऊँच-नीच के भेदभाव के साथ जातिगत विषमताओं का कुरुप चेहरा दिखाया गया है। नाटक के अंत तक दर्शकों की भीड़ हॉल में जुटी रही। नाटक में रामचंदर केंद्रीय पात्र है, जिस पर अपने दो अफसरों पर जानलेवा हमला तथा एक की हत्या का मुकदमा चलाया गया। सेना के कानून विभाग द्वारा कैप्टन बिकॉश राय को डिफेंस काउंसिल तथा मेजर पुरी को सरकारी वकील बनाकर भेजा गया। न्याय की इस लड़ाई में अंतत: कैप्टन बिकाश रॉय सत्य साबित करने में सफल हुआ कि रामचंदर ने किसी खूनी इरादे के तहत अपने अफसरों पर गोली नहीं चलाई, बल्कि अपने दो अफसरों द्वारा दी गई मानसिक प्रताडऩा एवं किए गए नैतिक अत्याचार के अतिरेक ने ही उसे इस स्थिति तक पहुंचाया।
जिरह के दौरान परत पर परत सत्य उद्घाटित होता है और समाज में व्याप्त भेदभाव, उंच नीच और जातिगत विषमताओं का एक कुरूप चेहरा सामने आता है। समारोह संयोजक शरद शर्मा ने बताया कि अभिनव रंग मंडल द्वारा कालिदास अकादमी के अभिरंग नाट्यगृह में आयोजित 36वें राष्ट्रीय नाट्य समारोह में अतिथि के रूप में मौजूद मेजर प्रमोद शर्मा, सुधीर अरोंदेकर, कांग्रेस नेता मनोहर बैरागी, सौरभ भारद्वाज ने दीप प्रज्जवलन कर नाटक मंचन का शुभारंभ किया। मंच पर कर्नल सूरतसिंह का किरदार गिरिजेश व्यास ने, सैनिक 1 रविंद्रसिंह, सैनिक 2 संजय शर्मा, समीरसिंह, गार्ड अनिकेत पटेल, अजय गोस्वामी, मेजर अजयपुरी वीरेंद्रसिंह ठाकुर, रामचंदर यश राय, कैप्टन बिकॉश राय शरद शर्मा, सलाहकार जज कामना भट्ट, सूबेदार बलवानसिंह वीरेंद्र नथानियल, कैप्टन बीडी कपूर जगरूपसिंह चौहान, जज 1 विशाल मेहता, जज 2 वर्षा शर्मा, अजय गोस्वामी, डॉ. गुप्ता सचिन वर्मा, कर्नल ब्रजेंद्र रावत भूषण जैन रहे।
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