इंदौर। लगभग 11 साल पुराने सामूहिक दुष्कर्म (Gng Rape) के बाद मासूम बच्ची की हत्या (Murder) के केस में तीनों दरिंदों को दोहरे आजीवन कारावास की सजा बरकरार रखी गई है। जस्टिस विवेक रूसिया और जस्टिस अनिल वर्मा की डिवीजन बेंच ने इनकी ओर से दायर अपील खारिज करते हुए अधीनस्थ न्यायालय के फैसले को यथावत रखा।
सजा भुगतने वालों के नाम बबलू, नितेश और भूरा उर्फ धीरज है। घटना 17 जनवरी 2013 की खुड़ैल थाना क्षेत्र की है। 12 साल की एक मासूम बच्ची घर से गायब हुई थी। बाद में उसकी लाश मिली थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उसके साथ दुष्कर्म के बाद हत्या किए जाने की बात सामने आई थी। विवेचना के बाद पुलिस ने उक्त तीनों आरोपियों को इस केस में गिरफ्तार किया था। 3 अगस्त 2013 को कोर्ट ने तीनों को दोषी पाते हुए दोहरे आजीवन कारावास और अर्थदंड की सजा सुनाई थी। इस फैसले के विरुद्ध तीनों की ओर से हाईकोर्ट में उक्त क्रिमिनल अपील दायर की गई थी। हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने माना कि आरोपियों के विरुद्ध पर्याप्त साक्ष्य हैं और अधीनस्थ न्यायालय द्वारा दिए गए निर्णय को सही ठहराते हुए तीनों की अपील खारिज कर दी।
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